About Peacock in Hindi | राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में [ रोचक तथ्य ]

About Peacock in Hindi | राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में निबंध हिंदी में : हैलो दोस्तों नमस्कार, आज मैं आपके लिए हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध लेकर आया हूं। इसमें हमने मोर के बारे में पूरी जानकारी का उल्लेख किया है।

यह निबंध खासतौर पर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के लिए है । विद्यार्थियों को आमतौर पर निबंध लेखन के लिए ऐसे टॉपिक दिए जाते हैं जिस पर उन्हें पैराग्राफ राइटिंग का प्रैक्टिस कराया जाता है।

तो उसी से संबंधित लेख लेकर आया हूं। तो आप हमारे साथ जुड़े रहे और हमारे इस लेख को पूरा पढ़िए जिससे आपको मोर के बारे में सारी जानकारी मिल सके।

पक्षी मोर
वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस
प्रजातियां भारतीय मोर और हरा मोर (ग्रीन पीफोल)
रंग नीले, सफ़ेद, हरे और जमुनी
जीवनकाल 25 से 30 साल
मूलनिवास दक्षिणी , दक्षिणपूर्वी एशिया
राष्ट्रीय पक्षी भारत , म्यानमार और श्रीलंका
भोजन कीड़े, बीज, फल, छोटे स्तनपायी और सरीसृप
मोर की गति 16 किलोमीटर / घंटा
मोर , मोरनी की लम्बाई 215, 95 सेंटीमीटर लगभग
मोर , मोरनी की ऊंचाई २,1 मीटर लगभग
वजन (मोर)4 – 6 किग्रा
About Peacock in Hindi

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About Peacock in Hindi | राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में पूरी जानकारी


मोर पर निबंध : मोर (About Peacock in Hindi) एक बहुत ही सुंदर पक्षी है। इसकी गर्दन बहुत सुंदर लंबी होती है। इसके पंखों पर चाँद की तरह निशान होता है। यह भारत में कई जगह पाया जाता है।

मोर का रंग गाढ़ा हरा और नीला होता है मोर बीज, अनाज, फल, कीड़े खाता है या आमतौर पर बगीचे में रहता है यह हानिकारक कीड़े खता है इसलिए यह किसानों का एक अच्छा मित्र भी है।

मोर वहां पर भी पाया जाता है जहां पर बड़े – बड़े पेड़ होते हैं। बारिश के मौसम में मोर नाचता है जब वह अपनी पूंछ फैलाता है तो उसकी पूंछ बड़े पंखे की तरह लगती है।

मोर का नित्य एक लोकप्रिय नृत्य है। इसके पंख का कई तरह की सुंदर चीजें बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं।और यह भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।

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मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह बहुतसुंदर होता है और प्रत्येक व्यक्ति के मन को मोह लेता है। भारत सरकार ने 26जनवरी 1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।

मोर का रंग बहुत सुंदर होता है । इसका कंठ नीला तथा इसके सिर पर कलगी होती है। मोर के पंख हे ही सुंदर तथा रंग-बिरंगे होते हैं।

वसंत ऋतु के आने पर तथा वर्षा ऋतु में आकाश में बादलों के छा जाने पर, जब मोर अपने पंख फैलाकर नित्य करता है तो ऐसा प्रतीत होता है मानो इसने हीरों से जड़ी हरी पोशाक पहनी हो इसलिए मोर को पक्षियों का राजा कहा जाता है।

जब मोर नाचता है तो उसके कुछ पंख टूट कर गिर जाते हैं। वर्ष में एक बार अगस्त के महीने में मोर के सभी पंख झड़ जाते हैं और ग्रीष्म काल के आने से फिर से पहले के सभी पंख निकल आते हैं। मोर हरे – भरे जंगलों में व खेतों के आसपास ही रहता है। मोर का प्रिय भोजन कीट, पतंग और अनाज के दाने हैं।नीले रंग के अलावा मोर सफेद व हरे रंग का भी होता है।

मोर भगवान कार्तिकेय का वाहन है तथा माता सरस्वती को बहुत प्रिय है। भगवान कृष्ण अपने मुकुट पर मोर पंख लगाते थे। मोर पंख के पंखे भी बनाए जाते हैं जो की सजावट के काम आते हैं।

Long Type Essay about peacock [1000 words ] | हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध

About Peacock in Hindi | Long Type Essay about peacock in hindi | हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध

पक्षियों का राजा कहां जाने वाला मोर अथवा मयूर पक्षी मूल रूप से दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी एशिया में पाए जाते हैं। कई चटकीले रंगों से सुसज्जित मोर पक्षी ज्यादातर सभी देश और विदेशों में पाए जाते हैं, परंतु इसकी सबसे ज्यादा सुंदर प्रजाति भारत देश में पाई जाती है।

मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 1963 में इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया। नीला मोर भारत के साथ-साथ म्यानमार और श्रीलंका का भी राष्ट्रपक्षी है। मोर बहुत ही सुंदर आकर्षक तथा मन को भाने वाला पक्षी है।

बारिश की मौसम में काली घटा बादलों की छाने पर अपने पंख फैलाकर जब यह पक्षी नाचता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि मानो जैसे इसने हीरे से जड़े पोशाक धारण कर ली हो, इसलिए इसे पक्षियों का राजा कहा जाता है।

सृष्टि के रचयिता ने पक्षियों के राजा होने के कारण इसे मुकुट रूपी कलगी प्रदान की है। प्रारंभ से ही मोर मनुष्यों के मन को भाने वाला पक्षी है। मोर को कई धार्मिक ग्रंथों में बहुत ही पवित्र माना गया है। मोर को मारकर खाना हिंदू धर्म में बहुत बड़ा पाप माना जाता है।

नाचते हुए को देखकर लोगों के पांव चलने लगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य ने मोर के नाच से ही प्रेरित होकर नाचना सीखा था। मोर एक सर्वाहारी पक्षी है यह मुख्य रूप से चना, गेहूं, बाजरा, मकई खाता है। इसके अतिरिक्त यह फल और सब्जियां जैसे बैगन, अमरुद, अनार, टमाटर, प्याज आदि को बड़े चाव के साथ खाता है।

यह खेतों से चूहे कीड़े-मकोड़े, दीमक, छिपकली तथा सांपों को खाता है। इसलिए इसे किसानो का मित्र भी कहा जाता है। मूलतः मोर वन्य-पक्षी है परंतु भोजन की तलाश , कई बार इन्हें मानव आबादी तक ले आती है।

मोर की आकृति कुछ अंश की आकृति से मिलती जुलती है। इसकी आंख के नीचे सफेद रंग का घेरा होता है। इसका नर वर्ग मादा वर्ग से अधिक मनमोहक होता है गर्दन चमकीले जिसका सीना नीले रंग का होता है तथा पंखों का गुच्छा गहरे हरे रंग का होता है।जिनकी संख्या 150 से 200 होती है।

माता मोरनी हल्के भूरे रंग की होती है। यह मोर से थोड़ा छोटी होती है। इसके पास पंखों का गुच्छा नहीं होता। मोर की आयु काल 25 से 35 साल का होता है।

लगभग 215 सेंटीमीटर नर मोर की लंबाई और 50 सेंटीमीटर मादा मोर की लंबाई होती है। नर मोर की कलगी बड़ी और मादा मोर की छोटी कलगी होती है जिससे इन्हें पहचानने में आसानी होती है।

मोर की प्रजातियाँ | Species of parrot

मोर (About Peacock in Hindi) की दो प्रजातियाँ पाई जाती है भारतीय मोर (पैवो क्रिस्टेटस) या नीला मोर, जो कि भारत के अलावा और श्रीलंका में भी पाया जाता है।

हरा तथा जावा का मोर (पैवो म्यूटिकस) जो कि केवल जावा और म्यानमार में ही पाए जाते है । सन 1913 में एक पंख मिलने से शुरू हुई खोज के बाद सन् 1936 में कांगो मोर (अफ्रो पैवो कॉनजेनेसिस) ज्ञात हुआ था।

अफ्रीका में कांगो मोर मुख्य रूप से पाए जाते है। नीले या हरे रंग का इसका नर होता है। इस मोर की पूंछ गोल और छोटी होती है।

मादा वर्ग कांगो मोर का हरे या फिर लाल रंग का होता हैं। उसका ऊपरी भाग भूरे रंग का होता है। यह ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ सकते हैं, परंतु इनके सूंघने की क्षमता बहुत ही तीव्र होती है। यह अपने दुश्मनों से इन्हीं गुणों के कारण बच पाते हैं।

मोर के इतिहास का महत्व | Importance of Peacock History

मोर का (About Peacock in Hindi) पंख भगवान श्री कृष्ण के मुकुट में लगा हुआ इस पक्षी के महत्ता को बतलाता है। अपने महाकाव्य “मेघदूत” में महाकवि कालिदास ने मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी बढ़कर ऊंचा दर्जा दिया है। यह कई राजाओं और महाराजाओं का भी मनमोहक और पसंदीदा पक्षी था।

प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राज में जो सिक्के चलते थे उसमें दूसरी तरफ मोर का चित्र बना हुआ था तथा मुगल के बादशाह शाहजहां ने एक तख्त-ए- ताऊस बनवाया था। जिसमें दो मोरों को नाचते हुए दर्शाया गया था। इसे मयूर सिंहासन के नाम से जाना जाता था।

बाद में नादिरशाह यह सिंहासन लूटकर इरान ले गया। प्रजनन कला में नर दो से पांच मादाओं के साथ संबंध बनाता है, जिसमें से प्रत्येक जमीन में बने गड्ढे में 4 से 8 अंडे देती हैं।

मादा मोर साल में दो बार अंडे देती है जिनकी संख्या 6 से 8 तक रहती है। अंडों में से 25 से 30 दिनों में बच्चे निकाल आते हैं। तीन से चार सालों में ये बच्चे बड़े हो जाते हैं। कम संख्या में ही मोर के बच्चे जिंदा बच पाते हैं। इनमें से काफी बच्चे जंगली जानवरो के शिकार हो जाते है।

मोर संरक्षण कानून | Peacock Protection Law

हमारे देश में मोर (About Peacock in Hindi) का शिकार होने के कारण इनकी कुछ प्रजातियाँ विलुप्त हो रही है। जिसको मद्दे नजर रखते हुए भारत सरकार ने मोर की सुरक्षा के लिए सन 1972 में मोर संरक्षण कानून बनाया गया।

यह कानून मोर की संख्या बढ़ाने और उसकी रक्षा के लिए बहुत ही अच्छा कानून है। भारत सरकार कई प्रकार के मोर की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए, मोर बचाओ या मोर संरक्षण अभियान को चला रही है। भारत में मोर की संख्या में इस कानून के बनने के बाद बढ़ोतरी हुई है।

Intresting facts about Peacock about in hindi points | रोचक तथ्य

तो चलिए जान लेते है Intresting facts about Peacock about in hindi :

  • भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है।
  • भारत के लगभग सभी हिस्सों में पाया जाता है।
  • 26 जनवरी 1963 को भारत सरकार के द्वारा घोषित किया गया।
  • भारत के अलावा म्यांमार का भी राष्ट्रीय पक्षी मोर ही है।
  • मोर के सिर पर मुकुट जैसी एक सुन्दर सी कलगी होती हैं।
  • मोर सर्व भक्षक है और कीड़े, फूल, बीज, छोटे कृंतकों और छिपकलियों को और यह हानिकारक कीड़े – मकोड़े को खाता हैं इसलिए इसे किसानों का अच्छा मित्र भी कहा जाता हैं।
  • मोर (peacock)( पुरुष पक्षी), मोरनी ( peahen)( स्त्री पक्षी) की तुलना में अधिक सुंदर, रंगीन और उज्ज्वल होता है।
  • मोर बड़े पंखों वाला बहुत बड़ा पक्षी है लेकिन दूरी तक उड नहीं सकता है।
  • मोर 20 वर्ष की आयु तक जीवित रह सकते हैं।
  • मोर झुंड में रहना पसंद करता है एक झुंड में 6 से 10 तक मोर होते हैं
  • मयूर नृत्य एक प्रसिद्ध नृत्य है मयूर नृत्य समुंह में किया जाता है
  • मोर जब नृत्य करता है तो उस समय अपने पंख फैला लेता है ऐसे समय वह अत्यंत सुंदर दिखाई पड़ता हैं।
  • मोर की आवाज बहुत प्यारी नहीं होती।
  • मोर के पंख का उपयोग पर्स जैकेट और कई खूबसूरत चीजों को बनाने के लिए किया जाता है।
  • भारत में मोर के शिकार पर प्रतिबंध है यह भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पूरी तरह से संरक्षित है।
  • हिंदु समाज में मोर का धार्मिक महत्व भी है भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की सवारी मोर है।

Poem on peacock in hindi | राष्ट्र पक्षी मोर पर कविता

दोस्तों अब चलिए Poem on peacock in hindi के बारे में जान लेते है।

सिर पर कलगी वाला मोर
राष्ट्र पक्षी हमारा मोर
पक्षियों में है सबसे सुंदर
शहद से मीठी इसकी बोली
सतरंगी पंखों वाला मोर
राष्ट्रपति हमारा मोर

वर्षा ऋतु इसको भाए
मनमोहक नित्य सबको लुभाया
मन हो जाए आनंद विभोर
राष्ट्रपक्षी हमारा मोर

अन्ना दाता का मित्र कहलाता
सर्पदंश से ये बचाता
कीट- मकोड़े खाता मोर
राष्ट्र पक्षी हमारा मोर

मोर मयूर नाम है इसके
कृष्णा प्रिय भी ये कहलाये
मां सरस्वती का वाहन मोर
राष्ट्रपति हमारा मोर

पक्षियों का राजा कहलाता
भारतवर्ष का गौरव बढ़ाता
संरक्षण का अधिकारी मोर
राष्ट्र पक्षी हमारा मोर।

निष्कर्ष (Conclusion)

उम्मीद करते है दोस्तों आपको यह लेख पसंद आया होगा और आपको मोर के बारे में (About Peacock in Hindi) पूरी जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह के लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए desifunnel.com को सब्सक्राइब करे और ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करे ताकि उन्हें भी यह जानकारी मिल सके।

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