About Sparrow in Hindi । Eassy on Sparrow – गौरैया पर निबंध

About Sparrow in Hindi । Essay on sparrow – गौरैया पर निबंध : दोस्तों आज मैं आपके लिए छोटे स्तर के विद्यार्थी से लेकर बड़े स्तर तक के विद्यार्थी के लिए गौरैया पर पूरी जानकारी अर्थात गौरैया पर निबंध लेकर आया हूं।

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गौरैया के इस निबंध के रूप मैं आपको गौरैया के जन्म लेने से लेकर मरने तक की पूरी जानकारी देने की कोशिश करूंगा। तो चलिए दोस्तों गौरैया के बारे में पूरी जानकारी (About sparrow in hindi) प्राप्त कर लेते हैं।

About Sparrow in Hindi [Short essay]। गौरैया के बारे में

गौरैया (About Sparrow in hindi) यानी की चिड़िया, एक छोटा सा प्यारा सा पक्षी है जो ज्यादातर घरों में पाई जाती है। गौरैया मुख्य रूप से भूरे रंग की होती है इस चिड़िया में बहुत ही स्पुर्ति होती है यह चिड़िया एक सर्वाहारी पक्षी है जो बीज, जामुन, फल और कीड़े आदि सब कुछ खाती है।

भोजन की तलाश में नन्ही चिड़िया मिलो तक का सफर तय कर लेती है चिड़िया का जीवनकाल 4 से 7 साल तक का होता है। चिड़िया की लंबाई 14 से 16 सेंटीमीटर तक होती है। गौरैया चिड़िया ज्यादातर झुंडो में रहना पसंद करती है। वे आमतौर पर घर के छतो, पुलों और पेड़ के खोखले में अपने घोसले का निर्माण करती है।

चिड़िया इंसानों के घरों में भी अपना घोंसला बना लेते हैं। परंतु आजकल मकान पक्के होने के कारण चिड़िया का घोंसला बनाने के लिए जगह नहीं रह गया। जैसे – जैसे हम पेड़ पौधों को काटते जा रहे हैं उससे चिड़िया आज लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है।

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गौरैया फसलों में पाए जाने वाले कीटों को खत्म करने में अहम योगदान देती है। किंतु फसलों पर कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल होने की वजह से इनकी संख्या में बहुत कमी आई है।

घरों में और आस – पास प्यारी गौरैया अब कहीं – कहीं ही चीं – चीं करती हुई देखने को मिलती है। हर वर्ष 20 मार्च को world sparrow day मनाया जाता है। जिससे लोगों में इन नन्ही सी, प्यारी सी चिड़िया के प्रति संरक्षण भाव बढ़ सके।

Information on Sparrow in Hindi [300 words]

गौरैया दिखने में छोटा लेकिन आकर्षक पक्षी है यह पक्षी भारत के साथ – साथ पुरे विश्व में पाया जाता है गौरैया बहुत ही ज्यादा फुर्तीला पक्षी होती है। इसकी (Sparrow in Hindi) अनेक प्रजातियां पाई जाती है।

गौरैया के शरीर में दो बहुत ही छोटे पंख होते हैं। इनकी पैरों का रंग और भूरा चोंच पीली रंग का होता है। हल्के भूरे व काले रंग में इसका शरीर होता है। आमतौर पर इनके गर्दन पर काले रंग का धब्बा बना होता है।

नर गौरैया व मादा गौरैया दिखने में अलग होते हैं। नार गौरैया को चिड़ा और मादा गौरैया को चिड़ी या चिड़िया भी कहते हैं। नर गौरैया, मादा गौरैया की तुलना में दिखने में ज्यादा आकर्षक होते हैं।

गौरैया एक शाकाहारी और मांसाहारी अर्थात सर्वाहारी पक्षी है । जो अनाज,बीज, फल और कीड़े सब कुछ खाता है। इमारतों, घर की छतों, पुलों और पेड़ के खोखले में गौरैया सामान्यतया अपने घोसले बनाती है। यह पक्षी इंसानों के घरों में शहरी क्षेत्र में भी अपना घोंसला बना लेते हैं।

गौरैया चिड़िया को विभिन्न तरह का जलवायु पसंद होती है 4 से 7 वर्ष का इनका जीवनकाल होता है आमतौर पर यह पक्षी लगभग 24 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से उड़ते हैं।

बहुत ही दुखद बात है कि गौरैया की प्रजाति पर्यावरण प्रदूषण और अन्य कारणों से नष्ट होती जा रही है। इस सुंदर पक्षी की प्रजाति धीरे-धीरे लुप्त होने लगी है।

गौरैया के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने तथा इसके संरक्षण के उद्देश्य से विश्व भर में प्रतिवर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Information About Sparrow in Hindi [500 words]

ये चिड़िया (about sparrow in hindi) प्यारी और मनमोहक होती है जिसे ‘गौरैया’ भी कहा जाता हैं। हर जगह यह पक्षी दिखाई देती है। गौरैया के शरीर का भार बहुत ही काम होता है। गौरैया बहुत ही फुर्तीली होती है । अधिक देर तक यह एक जगह स्थिर नहीं रह सकती। यह हमेशा इधर – उधर फुदकती और उड़ती रहती है।

चिड़िया के शरीर में सफेद धारिया होती है। इसके पेट का भाग सफेद होता है इनके सामान्यतः दो पैर और दो आंखें होती है। गौरैया अनाज और गेहूं के दाने चुगती है और कुछ चावल या गेहूं दाने चुगकर गौरैया फुर्र करती हुई आसमान में उड़ जाती है। यह चिड़िया सचमुच बहुत ही मन – मोहक लगती है।

घरों में आस – पास चीं – चीं करने वाली प्यारी गौरैया अब कुछ जगह, कहीं – कहीं ही देखने को मिलती है। गौरैया अर्थात की चिड़िया एक छोटा सा मनमोहक पक्षी है। जो अधिकतर घरों में या आस – पास पाई जाती है। इसकी लंबाई 14 से लेकर 16 सेंटीमीटर (length of sparrow) तक होती है।

यह ज्यादातर झुंड में रहना पसंद करती है। चिड़िया का रंग हल्का भूरा और सफेद होता है। इसकी पीली चोंच इसे और आकर्षक बना देती है। इसकी पीले चोंच पर और आंखों में काला रंग होता है और गौरैया के पैर सामान्यतः भूरे रंग होते हैं।

मादा गौरैया के सिर और गले पर भूरा रंग नहीं होता। चिड़िया पहाड़ी इलाकों में बहुत कम पाई जाती है। भोजन की तलाश में नन्हीं गौरैया मिलो तक का सफर तय कर लेती है।

चिड़िया को अलग-अलग क्षेत्रों पर भिन्न नामों से जाना जाता है जैसे चिड़ी, चेर, चकली और चिमनी इत्यादि । गौरैया एक ऐसा छोटा सा पक्षी है जो कि सामान्य रूप से एशिया और यूरोप में पाया जाता है। इसके अलावा जहां – जहां मनुष्य का रहना – बसेरा रहा, इस पक्षी ने उनका अनुकरण किया है।

गौरैया फसलों में पाए जाने वाले कीटों को खत्म करने में अहम योगदान देती है किंतु फसलों पर कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल होने की वजह से उनकी संख्या में बहुत कमी होती जा रही है। इसका अस्तित्व अब खतरे में आ रहा है पक्के मकान और जलवायु में होता हुआ परिवर्तन जिसके पीछे का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।

गौरैया का प्रमुख भोजन अनाज, फूल, बीज, फल आदि है। एक बार में गौरैया 3 बच्चे को जन्म देती है। गौरैया एक बार में 3 बच्चे को जन्म देती है। पुराने समय में चिड़िया का घोंसला कच्चे घर की मोरी, गादरा और छतों में हुआ करता था।

लेकिन आज मकान होने के कारण चिड़िया का घोंसला बनाने के लिए जगह नहीं रही। और यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। इस नन्ही गौरैया को मुड़कर वापस बुलाने के लिए थोड़ी सी जगह उपलब्ध करानी होगी। ताकि वहां अपना घोंसला बना अंडे देकर बच्चे को जन्म दे सके।

हर वर्ष 20 मार्च को गौरैया दिवस (sparrow day) मनाया जाता है ताकि लोगों में इस नन्ही चिड़िया के प्रति जागरूकता बढ़ जाए और लोग इसके महत्व को समझ सके।

Detail Essay About Sparrow – गौरैया पर निबंध

एक समय था जब हम अपने आसपास में झुंडो में बहुत ही आसानी से 8 से 10 गौरैया चिड़िया को देख लेते थे लेकिन अब उनकी संख्या में धीरे – धीरे कमी आती जा रही है। जिसका प्रमुख कारण है कीटनाशक दवाइयों का अधिक प्रयोग और मोबाइल टावर की अधिकता।

हर साल 20 मार्च को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में “World Sparrow Day” मनाया जाता है।

सन 2010 गौरैया की घटती संख्या को देखकर इसकी शुरुवात की गई थी। और गौरैया बचाओ अभियान व गौरैया संरक्षण को आगे बढ़ाते हुए साल 2012 में घरेलू गौरैया को दिल्ली का और फिर 2013 में बिहार का राजकीय पक्षी भी घोषित कर दिया गया।

गौरैया सामान्यतः 38 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ते हैं लेकिन अगर कोई खतरा पास आये तो 50 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से उड़ने की भी काबिलियत रखते हैं।

गौरैया के लिए कच्चे मकान प्राकृतिक वातावरण और तापमान के लिहाज से अनुकूल वातावरण तैयार करते हैं लेकिन आधुनिक मकानों में यह सुविधा नहीं मिलती है।

चीन की सरकार ने 1950 के दशक के अंत में लाखों गौरैया को मारने का अभियान जारी किया था। क्योंकि गौरैया उनकी फसल खा जाया करते थे लेकिन इस अभियान के खत्म होते ही नतीजे इसके उल्टे आए क्योंकि लाखों गौरैया को मरने के बाद चीन में फसल खाने वाले कीड़ों की संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि हो गई और हालात अकाल जैसे हो गए थे।

गौरैया के बहुत कम अंडो में माता-पिता दोनों का डीएनए होता है। ज्यादातर अंडो में केवल उनके मां का डीएनए होता है और इनके घोसले बनाने की जिम्मेदारी नर गौरैया की होती है। और घोंसला बनाते समय मादा गौरैया को अपनी ओर आकर्षित करने की प्रयास करते हैं।

औसतन एक मादा गौरैया हर साल 3 से 5 अंडे देती है और 12 से 15 दिनों बाद अंडे में से एक गौरैया का जन्म होता है। और नर एवं मादा दोनों ही मिलकर अंडे और अपने बच्चों का ख्याल रखते हैं। अपने जन्म के 15 दिन बाद एक गौरैया इतना काबिल हो जाता है कि वह अपना घोंसला छोड़ सके।

आमतौर पर गौरैया जमीन पर सीधे चलने के बजाय उछलते हुए चलते हैं बिल्लियां, कुत्ते, सांप, लोमड़ी आदि जानवर ही अधिकतर गौरैया का शिकार करते हैं। इन्हीं कुछ जानवरों से गौरैया को खतरा होता है।

यह पक्षी अधिक तापमान पर नहीं रह सकता है। गौरैया की घटती आबादी का एक बड़ा कारण मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन है क्योंकि आमतौर अंडे देने के 12 से 15 दिन बाद गौरैया के(sparrow in hindi) बच्चे निकल आते हैं लेकिन मोबाइल टावर के पास 30 दिन अंडे देने के बावजूद अंडे से बच्चे नहीं निकलते हैं।

गौरैया की प्रजातियां (Species of Sparrow)

गौरैया को अंग्रेजी में “Passer Domesticus” के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गौरैया की लगभग 43 प्रजातियां मौजूद है। पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में 60 से 80 फ़ीसदी तक कमी आई है।

पाए जाने वाले गौरैया की कुछ प्रमुख प्रजातियां सिंड स्पैरो, ट्री स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, हाउस स्पैरो, रसेट स्पैरो इत्यादि है। यह प्रजातियां अलग – अलग देशों में पाई जाती है जो एक दूसरे से थोड़ा बहुत भिन्न होता है।

गौरैया का शरीर सरंचना (Body structure of Sparrow)

गौरैया एक बहुत छोटी पक्षी है इसकी लंबाई 14 से 16 सेंटीमीटर, और इसका वजन 25 से 35 ग्राम तक होता है जिसके कहानियां बहुत की हल्की होती है।

इसमें बहुत ही ज्यादा स्पूर्ति होती है। यह अधिकतर झुंड में ही रहती है और अधिकतम 2 मील तक की दूरी तय करती है।

नर और मादा गौरैया को उनके रंग के आधार पर पहचाना जा सकता है नर गौरैया की पीठ तंबाकू रंग की और गर्दन पर काली पट्टी होती है।

जबकि मादा गौरैया की पीठ और पट्टी या दोनों भूरे रंग की होती है। इसकी चीं – चीं आवाज बहुत ही मधुर होती है। जो मन को प्रसन्न कर देती है।

गौरैया का खाना (Food of Sparrow)

गौरैया घास के बीजों को अपने भोजन के रूप में अधिक पसंद करती है। और मुख्य रूप से कीट, पतंगे और अन्य छोटे कीड़े है जो उन्हें काफी पसंद है। खास तौर पर यह बीज, जामुन और फल भी खा सकते हैं ।

यह मांसाहारी और शाकाहारी दोनों होते हैं क्योंकि यह कीट, पतंगे और अनाज के बीच खाते हैं। सांप, बाज, बिल्ली, लोमड़ी आदि जीव इस छोटी सी पक्षी का शिकार कर लेते हैं। गौरैया आपने भूख मिटाने के लिए भोजन की तलाश में कई महीनों की दूरी तय करते हैं।

गौरैया का रंग (Color of Sparrow)

सामान्यता गौरैया चिड़िया (sparrow in hindi) का रंग मुख्य रूप से सफेद और हल्के भूरे रंग होता है। इसकी चोंच और आंखें काले रंग की होती है। और इसके पैर का कलर पीला होता है।

मादा और नर गौरैया को उनके अलग – अलग कलर होने के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। नर गौरैया में काले कलर की मात्रा ज्यादा होती है जबकि मादा में काले कलर की मात्रा कम होती है।

नर गौरैया में शरीर का रंग लगभग तंबाकू के कलर का होता है। जबकि मादा गोरैया में शरीर का रंग भूरे कलर का होता है।

गौरैया का निवास (Habitat of Sparrow in Hindi)

यह सामान्यतः कच्चे मकानों , झोपड़ियों, पेड़ों मैं अपना घोंसला बनाती है ।

यह शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज की खेती ज्यादा होती है जिसके कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल पाता है।

शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण ज्यादा होने के कारण इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है।

शहरी क्षेत्र में कम पाए जाने का एक और प्रमुख कारण है कि पक्के मकान होते हैं जिसके कारण गौरैया को घोंसला बनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों की संख्या ज्यादा होती है यहां वे अपना आसानी से घोसला बनाकर रहते हैं।

गौरैया की तेजी से गायब होने का प्रमुख कारण

पेड़ों की झील उनका प्राकृतिक आवास है, जिसमें कमी आई है।

बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण इनकी संख्या कम होती जा रही है।

कृषि पद्धति या तकनीक में बदलाव के कारण।

मोबाइल और टीवी सिग्नल से विद्युत चुंबकीय विकिरण निकलने के कारण।

आप गौरैया की कैसे मदद कर सकते हैं?

घर के बाहर कृत्रिम घोसले लटकाए ताकि उन्हें सुरक्षित स्थान प्राप्त हो सके।

एक बर्तन में पानी डाले और कुछ अनाज को छोड़ दें।

पेड़ लगाए और बचाव करें।

गोरैया कहां – कहां की राजकीय पक्षी है ?

भारत में गौरैया (sparrow in hindi) की प्रजाति को विलुप्त होते देख कर 2012 में दिल्ली का और 2013 में बिहार का इसे राजकीय पक्षी घोषित किया गया ।

Essay on Sparrow in Hindi 5 Sentences

गौरैया (about sparrow in hindi) एक छोटी सी प्यारी सी पक्षी है। जो पूरे एशिया और यूरोप में लगभग पाई जाती है।

यह 14 से 16 सेंटीमीटर लंबी होती है यह नन्ही चिड़िया शहरों गांव और लोगों को घरों में रहना पसंद करती है

आधुनिक क्षेत्रों या मकानों में घोसले बनाने की सुविधा नहीं होने के कारण और खाने के चीजों का गौरैया के लिए पर्याप्त ना होने के कारण इनकी संख्या निरंतर कम आती जा रही है।

हर साल विश्व के अनेक हिस्सों में 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में यह साहनी से रह पाते हैं जबकि शहरी क्षेत्रों में पेड़ पौधे कम होने के कारण इनकी संख्या वहां कम पाई जाती है।

गौरैया किसान प्रेमी होती है क्योंकि यह फसलों में पाया जाने वाले कीड़ों को खत्म कर देती है।

भोजन की तलाश में एक छोटी सी चिड़िया कई किलोमीटर तक का सफर कर लेती है।

वैज्ञानिकों के अनुसार गौरैया की लगभग 43 प्रजातियां मौजूद है।

Conclusion

उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको यह आर्टिकल (About Sparrow in Hindi) पसंद आया होगा। इसमें हमने आपको बताया गौरैया पर निबंध (essay on sparrow), 5 sentence about sparrow in hindi है इसी तरह के इनफॉर्मेटिव आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग desifunnel.com को जरूर सब्सक्राइब करें या हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करे। धन्यवाद

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