बाल दिवस पर भाषण, निबंध, कविता और कहानी | Happy Children’s Day 2023

बाल दिवस (Children’s Day): अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 20 नवंबर के दिन बाल दिवस मनाया जाता है परंतु हमारे भारत देश में 20 नवंबर की जगह पर एक अन्य तारीख को बाल दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। आखिर ऐसा क्यों है, इसके बारे में जानने की इच्छा काफी लोग रखते हैं।

इसके अलावा कई लोग यह भी जानना चाहते हैं कि वास्तव में बाल दिवस का मतलब क्या है अथवा बाल दिवस होता क्या है? इस पेज पर हम आपको “बाल दिवस क्या है?” और “बाल दिवस पर कविता, निबंध, भाषण” इत्यादि की जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं, साथ ही आपको आर्टिकल में यह भी जानने को मिलेगा कि “बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?”

बाल दिवस क्या है?

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर हर साल 14 नवंबर के दिन भारत देश में बाल दिवस धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है।

 बाल दिवस के मौके पर अलग-अलग जगह पर विभिन्न प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को चाचा नेहरू भी कहते थे, क्योंकि उन्हें बच्चों से अत्याधिक लगाव था।

बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए स्कूल और दूसरी संस्थाओं में बाल दिवस को धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। बच्चों के द्वारा जवाहरलाल नेहरू को इसलिए चाचा कहा जाता था क्योंकि चाचा से ज्यादा बच्चों को कोई प्यार नहीं कर सकता है।

क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता से डरते हैं, दादा दादी से कहानी सुनते हैं परंतु जब आइसक्रीम खिलाने की, घुमाने की बात आती है तब यह सभी काम चाचा ही करते हैं। वह चाचा की पीठ पर चड़ सकते हैं, खेल सकते हैं और सीख सकते हैं, चाचा उनके अच्छे दोस्त होते हैं।

बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म भारत देश में साल 1879 में हुआ था। देश में बाल दिवस  बच्चों की शिक्षा और उनकी सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।

बता दे कि साल 1964 के पहले तक बाल दिवस हर साल 20 नवंबर के दिन मनाया जाता था परंतु साल 1964 में ही पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो गई, उनकी मृत्यु हो जाने के पश्चात भारतीय संसद के द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया और उसके अनुसार जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन को ही आधिकारिक तौर पर बाल दिवस के तौर पर घोषित कर दिया गया।

संसद के द्वारा यह कार्यवाही इसलिए की गई क्योंकि बच्चों के बीच नेहरू काफी अधिक लोकप्रिय थे और बच्चे जवाहरलाल नेहरू जी को चाचा कह कर संबोधित करते थे। एक बार जवाहरलाल नेहरू ने अपने वक्तव्य में कहा था कि वर्तमान के बच्चे ही कल के भारत का निर्माण करेंगे।

बाल दिवस का इतिहास

दुनिया भर में हर साल बाल दिवस 20 नवंबर के दिन सेलिब्रेट किया जाता है। इसकी शुरुआत अमेरिका देश से हुई थी। अमेरिका देश में रहने वाले डॉक्टर चार्ल लियोनार्ड के द्वारा साल 1957 में बाल दिवस की शुरुआत की गई थी। अमेरिका देश में इसे चिल्ड्रन डे कहा जाता है।

उसके पश्चात संयुक्त राष्ट्र के द्वारा बाल दिवस के जरिए दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य के साथ 20 नवंबर को सार्वभौमिक बाल दिवस के तहत घोषित किया गया।

इसलिए दुनिया के द्वारा हर साल 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है परंतु हमारे भारत देश में 14 नवंबर के दिन अर्थात पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर बाल दिवस मनाया जाता है।

बाल दिवस का महत्व

बाल दिवस अर्थात चिल्ड्रन डे पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चों से अत्यधिक लगाव था और बच्चे भी जवाहरलाल नेहरू जी को चाचा कह कर संबोधित करते थे।

जवाहरलाल नेहरू का कहना था कि आज के बच्चे ही कल के समृद्ध भारत का निर्माण करेंगे। इसलिए बच्चों की शिक्षा पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यही वजह है कि बाल दिवस के दिन बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों पर चर्चा की जाती है और जागरूकता फैलाई जाती है।

बाल दिवस पर भाषण (Speech On Children’s Day in Hindi)

बाल दिवस पर भाषण देने के लिए सबसे पहले आपको कार्यक्रम मंच पर चढ़ जाना है। उसके पश्चात आपको हाथ में माइक लेकर के बोलना है कि,

यहां पर बाल दिवस मनाने के लिए उपस्थित सभी लोगों को सुप्रभात। जैसा कि आप जानते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को हमारे भारत देश का पहला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्हीं की याद में हर साल हम 14 नवंबर के दिन भारत देश में बाल दिवस को मनाते हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को बच्चों से अत्याधिक प्रेम था।

नेहरू जी बच्चों के उचित बचपन के प्रबल समर्थक थे। वह बच्चों को व्यक्तिगत और सामाजिक, राष्ट्रीय, पारिवारिक जिम्मेदारी में बांधने के पक्षधर नहीं थे। उनका मानना था कि बच्चों को खुलकर अपना जीवन जीना चाहिए, क्योंकि बच्चे आगे चलकर के देश के लिए और देश के विकास के लिए भी जिम्मेदार बनते हैं।

अगर बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होंगे तो वह राष्ट्र के विकास में अपना बेहतरीन योगदान अर्पण नहीं कर सकेंगे। इसलिए जीवन में बचपन की अवस्था को महत्वपूर्ण माना गया है, जिसमें सभी माता-पिता को अपने बच्चों से प्यार से पेश आना चाहिए और उन्हें लाड़ दुलार से बडा करना चाहिए।

हमारा भी यह कर्तव्य है कि हम भारत देश के निवासी होने के नाते अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझे और देश के भविष्य को बचाने का पूर्ण प्रयास करें।

बाल दिवस पर निबंध (Essay On Children’s Day in Hindi)

हर साल हमारे भारत देश में 14 नवंबर के दिन हंसी खुशी के साथ और उत्साह के साथ बाल दिवस मनाया जाता है। दिवस के मौके पर देश के अलग-अलग इलाकों में विभिन्न प्रकार के समारोह और कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

बाल दिवस बच्चों के लिए बहुत ही विशेष होता है। इस दिन बच्चों को मिठाइयों के साथ ही साथ कपड़े और दूसरी चीजे उपहार के तौर पर प्रदान की जाती है।

बाल दिवस को 14 नवंबर के दिन मनाने की वजह यह है कि इसी दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म हुआ था और पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को बच्चों से अत्याधिक प्रेम था।

नेहरू जी का मानना था कि आज के बच्चे ही कल के समृद्ध भारत का भविष्य होंगे। इसीलिए इसी दिन बाल दिवस मनाया जाता है।

1964 के पहले तक हमारे देश में हर साल 14 नवंबर की जगह 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था।

इसकी वजह यह थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 नवंबर के दिन ही बाल दिवस मनाया जाता है परंतु 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो जाने के पश्चात सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया है।

इस प्रस्ताव में इस बात को प्रस्तुत किया गया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अत्याधिक लगाव था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे।

इसीलिए जवाहरलाल नेहरु जी को सम्मान देने के लिए प्रस्ताव के अनुसार हर साल भारत देश में 20 नवंबर की जगह पर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाना प्रस्तावित किया गया और तभी से यह कार्यक्रम चला आ रहा है। आने वाले समय में भी हर साल 14 नवंबर के दिन ही भारत में बाल दिवस मनाया जाता रहेगा।

बाल दिवस पर कविता (Poem On Children’s Day in Hindi)

पहली कविता:

चाचा नेहरु प्यारे थे

चाचा नेहरु प्यारे थे,

भारत माता के राजदुलारे थे!,

देश के पहले पधानमंत्री थे,

स्वतंत्रता के सैनानी थे!

अचकन में फूल लगाते थे,

हमेशा ही मुस्काते थे!

बच्चो से प्यार जताते थे!

चाचा नेहरु प्यारे थे!

देश विदेश यह घूमते थे,

बहुत सारी जानकारी प्राप्त करते थे,

फिर भी अपने देश से यह प्यार करते थे!

चाचा नेहरु राजकुमारे थे!

बच्चे इनको सदा प्यार से,

चाचा नेहरू कहते।

चाचाजी इन बच्चों के बीच,

बच्चे बनकर रहते है॥

एक गुलाब ही सब पुष्पों में,

इनको लगता प्यारा।

भारत मां का लाल यह,

सबसे ही था न्यारा॥

सारे जग को पाठ पढ़ाया,

शांति और अमन का।

भारत मां का मान बढ़ाया,

था यह ऐसा लाल चमन का॥

बाल दिवस की कविता|

दूसरी कविता:

मुश्किल है बचपन को भुलाना

वो यारों की यारी में सब भूल जाना

और डंडे से गिल्ली को दूर उड़ाना

वो होमवर्क से जी चुराना

और टीचर के पूछने पर बहाने बनाना

मुश्किल है बचपन को भुलाना

वो एग्जाम में रट्टे लगाना,

फिर रिजल्ट के डर से घबराना!

वो दोस्तों के साथ साईकिल चलाना!

वो छोटी-छोटी बातो पर रूठ जाना

मुश्किल है बचपन को भुलाना

बाल दिवस पर कहानी (Story On Children’s Day in Hindi)

कहानी शीर्षक: शिष्टाचार और नेहरू जी

यह कहानी उस समय की है जब पंडित जवाहरलाल नेहरु उत्तर प्रदेश की लखनऊ सेंट्रल जेल में मौजूद थे। लखनऊ सेंट्रल जेल में खाना बन जाने के पश्चात उसे तुरंत ही मेज पर रख दिया जाता था और सभी एक साथ खाना ग्रहण करते थे। एक बार डाइनिंग टेबल पर एक ही साथ खाना खाने के लिए 7 आदमी बैठे जिनमें से तीन आदमी नेहरू जी की तरफ बैठे और 4 आदमी दूसरी तरफ बैठे।

इसमें से एक लाइन में नेहरू जी थे और दूसरी लाइन में चंद्र सिंह गढ़वाली थे। खाना खाने के दरमियान चीनी की आवश्यकता पड़ी परंतु चीनी का बर्तन कुछ दूर था, तो चंद्र सिंह ने सोचा कि आलस करना सही नहीं है। इसलिए अपना हाथ थोड़ा सा आगे बढ़ा लिया जाए।

जैसे ही चंद्र सिंह के द्वारा हाथ बढ़ाकर बर्तन उठाने का प्रयास किया गया वैसे ही नेहरू जी ने अपने हाथ से उनके हाथ को पकड़ लिया और कहा कि अपने मुंह से कहो कि जवाहरलाल चीनी का बर्तन दो।

नेहरू जी की इस बात को सुनकर चंद्र सिंह काफी क्रोधित हो गए। हालांकि 4 से 10 सेकेंड के अंदर ही उनका क्रोध ठंडा हो गया। तब नेहरू जी ने चंद्र सिंह से कहा कि किसी भी काम को करने के लिए शिष्टाचार अति आवश्यक होता है। एक साथ बैठकर खाना खाना भी सभ्य शिष्टाचार की श्रेणी में आता है।

अगर कोई चीज हमारे सामने से थोड़ी दूर पर रखी हो तो हमें कहना चाहिए कि कृपया मुझे उस चीज को देने का कष्ट करें। इस प्रकार से नेहरू जी के द्वारा चंद्र सिंह गढ़वाली को शिष्टाचार के विषय में बेहतरीन नसीहत दी गई।

बाल दिवस का महत्व क्या है?

बाल दिवस में बाल शब्द जुड़ा हुआ है जिसका मतलब होता है बच्चे। इससे यह प्रतीत होता है कि बाल दिवस बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिन विद्यालय अथवा कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों की खुशी देखते ही बनती है।

बाल दिवस के मौके पर बच्चे सज धज कर विद्यालय में प्रवेश करते हैं, क्योंकि इस दिन विद्यालय के द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन करवाया जाता है, जिसमें विशेष अतिथि मौजूद होते हैं।

बाल दिवस के मौके पर बच्चे चाचा नेहरू के प्रति अपने प्यार का स्मरण करते है। इसके अलावा बच्चे स्कूल में इस दिन लगाई गई प्रदर्शनी में अपनी कला को भी प्रस्तुत करते हैं।

बाल दिवस के मौके पर कला का प्रदर्शन करने के अलावा नाटक, नृत्य, गान इत्यादि भी प्रस्तुत किए जाते हैं साथ ही साथ नुक्कड़ नाटकों के द्वारा सामान्य लोगों को भी शिक्षा के महत्व के बारे में बताया जाता है और उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।

बाल दिवस से सम्बंधित प्रश्न उत्तर {FAQs}

चिल्ड्रंस डे कब मनाया जाता है?

चिल्ड्रंस डे अर्थात बाल दिवस हमारे भारत देश में हर साल 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म हुआ था।

विश्व बाल दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व बाल दिवस अर्थात इंटरनेशनल चिल्ड्रन डे हर साल 20 नवंबर के दिन मनाया जाता है। इसकी शुरुआत अमेरिका देश में रहने वाले एक डॉक्टर के द्वारा की गई थी।

बाल दिवस से आप क्या समझते हैं?

बाल दिवस बच्चों को समर्पित है साथ ही यह चाचा नेहरू को भी समर्पित है। इस दिन बच्चों की शिक्षा और उनकी सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है और चाचा नेहरू पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन होता है।

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल 26 दिसंबर के दिन अंतिम सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्र साहिबज़ादे की वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वीर बाल दिवस मनाया जाता है। इसी दिन को जोरावर सिंह और फतेह सिंह की सहादत दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है।

अंतिम शब्द बाल दिवस पर

आशा करते हैं दोस्तों आप सभी को आज का यह लेख पसंद आया होगा। आज हमने बाल दिवस पर भाषण, निबंध, कविता और कहानी के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है।

अगर आपके मन में इससे संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमें कमेंट बॉक्स पर पूछ सकते हैं और इसी तरह के जानकारी युक्त आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को जरूर सब्सक्राइब करें और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उन्हें भी यह जानकारी मिल सके हम से जुड़े रहने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

बाल दिवस पर भाषण, निबंध, कविता और कहानी | Happy Children's Day

I am Tamesh Sonkar, Founder of desifunnel.com website. I am 21 years old now & final year student of B Pharma. I have a passion for reading as well as writing. I try to learn and teach something new every day.

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