चना का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) क्या है?- Chana ka vaigyanik naam

आप सभी तो चने के बारे में बहुत कुछ जानते होंगे पर आप क्या जानते हैं कि चना का वैज्ञानिक या साइंटिफिक नाम क्या होता है?

चना का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) क्या है?, Chana ka vaigyanik naam
Chana ka vaigyanik naam

तो आज हम जानेंगे चना का वैज्ञानिक या वनस्पतिक नाम क्या है? और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां क्या-क्या है? तो चलिए जान लेते हैं।

चना का वैज्ञानिक या साइंटिफिक नाम क्या है? – Chana ka vaigyanik naam

चना का वैज्ञानिक नाम साइसर एरियटिनम होता है तथा इंग्लिश में Cicer arietinum होता है।

चना एक प्रमुख दलहनी फसल हैं चने के आटे से बेसन बनता है। काबुली चना, चने के एक किस्म कहा जाता है और प्रचलित रूप से इसे छोले के नाम से भी जाना जाता है।

काबुली चना, सामान्य चने से बड़े होते हैं। ये चने यूरोप, उत्तरी अफ्रीका औरअफगानिस्तान में अधिकतर पाए जाते हैं। ये चने 18 वीं सदी से भारतीय उपमहाद्वीप में लाए गए हैं व इनका उपयोग निरंतर किया जा रहा हैं।

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चना का वर्गीकरण – Classification of gram in hindi

चना का वर्गीकरण निम्न लिखत है –

Kingdom Plantae
Family Fabaceae
Order Fabales
Division Mangnoliophyta
Common name Chickpea
Species Cicer arietinum
Genus Cicer
चना का वर्गीकरण

चना की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

तो चलिए दोस्तों चना की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जान लेते है –

चना की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

चने की खेती के लिए उपयुक्त जीवाश्म पदार्थ वाली मिट्टी जिसका पी एच 6 से 7.5 तक हो और उत्तम जल निकास वाली मिट्टी पर आज चने की खेती कर सकते हैं।

चने की खेती के लिए तापमान

चने की फसल पर 24 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।

चना की बुवाई का सही समय

चने की बुवाई का सही समय अक्टूबर और नवंबर के बीच का है। यदि आप धान की खेती कर रहे हैं तो धान की कटाई के बाद आप चने की खेती भी कर सकते हैं।

चने की बीच की दर या मात्रा

यदि आप देसी चने की बुवाई कर रहे हैं तो 80 से लेकर 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा यदि आप काबुली चने की बुवाई कर रहे हैं तो 100 से 120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई करें।

चना की कुछ उन्नत किस्में

चने की कुछ उन्नत किस्में निम्न है-

  • JG 11
  • JAKI 9218
  • JG63
  • Vishal
  • JG 14
  • JG 130

चना की बुवाई कैसे करें?

सामान्य तरीके से भी चना की बुवाई की जा सकती है इसके अलावा सीड्रिल मशीन से भी चने की बुवाई की जा सकती है।

मिट्टी के अंदर चने की गहराई 8 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर तथा लाइन से लाइन की दूरी 30 से 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

चना में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

अंकुरित चना खाना हमारे पेट और स्वास्थ्य दोनों के लिए अच्छा होता है।

अंकुरित चने में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

अंकुरित चने में विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन K इसके अलावा इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम तथा फास्फोरस जैसे विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं।

चना खाने के फायदे – Advantages of eating gram

(1) एनीमिया से बचाता है : काला चना आयरन का सबसे सस्ता स्रोत है 100 ग्राम में करीब 3 मिलीग्राम आयरन होता है। जो हमारे शरीर के रोज की जरूरत का 20 % है।

(2) हाजमा दुरुस्त करता है : चना कब्ज के शिकार लोगों के लिए बहुत ही अच्छी चीज है। चने में ढेर सारे फाइबर होते हैं जो हमारे पेट को साफ करने में मदद करता है। चने में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो पेट के मूवमेंट को बिगड़ने नहीं देते हैं।

(3) वजन कम करने में : चना 2 तरह से वजन कम करने में मदद करता है चने में फाइबर बहुत सारा होता है और दूसरा चने खाने से लंबे समय तक पेट भरा-भरा महसूस होता है। जिससे भूख नहीं लगती है।

(4) ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखता है : खासकर डायबिटीज के मरीज को अपने डाइट में चने का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। चना शरीर में काफी आराम से ग्लूकोस को बॉडी में रिलीज करता है। जिससे हमारे बॉडी का शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता है।

(5) बॉडी बनाने में : चना एक शाकाहारी, प्रोटीन और कैलोरी का सबसे अच्छा और सबसे सस्ता साधन है। करीब 15 ग्राम प्रोटीन और लगभग 347 कैलोरी 100 ग्राम चने में होती है।

चना खाने के नुकसान – Disadvantages of eating gram

(1) वैसे चने खाने के कुछ खास नुकसान तो नहीं है लेकिन कुछ सामान्य नुकसान देखे जा सकते हैं।

(2) चने का पचाना आसान नहीं होता है ज्यादा मात्रा में चने खाने से आपके पेट में दर्द भी हो सकता है।

(3) बहुत अधिक मात्रा में चने खाने से पेट में गैस की समस्या भी देखी जाती है।

चना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)

चने की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है?

चने की सबसे ज्यादा खेती मध्यप्रदेश में होती है।

चना की सिंचाई कितने दिनों में होती है?

चने की सिंचाई बुवाई के 30 से 40 दिन बाद होती है।

चना का कुल नाम क्या है?

चना का कुल नाम Fabaceae है।

अंतिम शब्द

आज हमने बताया है चना का वैज्ञानिक नाम क्या है?, चने का वर्गीकरण, चने की खेती इसके फायदे और नुकसान आदि।

आशा करते हैं हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी “चना का वैज्ञानिक नाम क्या है?- Chana ka vaigyanik naam” आप सभी को पसंद आया होगा इसी तरह के जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग को जरूर सब्सक्राइब करें और ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले धन्यवाद।

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