Chand Par Kon Kon Gaya Hai : काफी देश के द्वारा स्पेस के जरिए अपने देश के लोगों को चांद पर भेजने में कामयाबी हासिल की जा चुकी है और काफी देश इस प्रयास में लगे हुए हैं। चांद को लेकर के अक्सर कई समाचार आते रहते हैं जिसमें यह कहा जाता है कि चंद्रमा पर जल्द ही मानव रहने लगेंगे।

हांलाकि यह तो बाद की बात है परंतु क्या आप जानते हैं कि आखिर चंद्रमा पर क्या इंसानों ने पहुंचने में सफलता हासिल कर ली है अथवा नहीं! बता दे कि चंद्रमा पर इंसानों ने काफी पहले ही पहुंचने में सफलता प्राप्त कर ली है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि “चंद्रमा पर कौन-कौन गया है?” अथवा “चांद पर कौन-कौन गया है?”
चांद पर कौन-कौन गया है? (Chand Par Kon Kon Gaya Hai)
इंसानों के द्वारा चांद पर पहुंचने में काफी पहले ही कामयाबी हासिल की जा चुकी है। दुनिया के कुछ ऐसे गिने चुने हुए देश हैं जिनके लोग चांद पर पहुंच चुके हैं और अभी भी ऐसे कई देश हैं जो चांद पर जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
खुशखबरी यह है कि हमारे भारत देश ने भी काफी पहले ही चांद पर पहुंचने में सफलता प्राप्त कर ली है। इस प्रकार से भारत देश की गिनती उन गिने-चुने देशों में होती है जिन्होंने अपना स्पेस चांद पर भेजने में कामयाबी हासिल की हुई है। भारत के कई लोग चांद पर जा चुके हैं जो उनके लिए काफी खुशी की बात है।
चांद पर कौन-कौन गया इंडिया से (Chand Par Kon Kon Gaya Hai India Se)
इस बात से सभी लोग अवगत है कि दुनिया भर में चांद पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति के तौर पर नील आर्मस्ट्रांग का नाम लिया जाता है, परंतु क्या आपको पता है कि जब अंतरिक्ष पर विभिन्न देशों के द्वारा अपने देश के लोगों को भेजा जाना शुरू किया गया था, तब भारत के पास इतने ज्यादा संसाधन मौजूद नहीं थे, ना ही इतनी ज्यादा टेक्नोलॉजी मौजूद थी।
यही वजह है कि 138वे अंतरिक्ष यात्री के तौर पर हमारे देश की तरफ से राकेश शर्मा वह पहले व्यक्ति हुए जो अंतरिक्ष में गए। इस प्रकार से कहा जा सकता है कि चांद पर इंडिया की तरफ से जाने वाला पहला व्यक्ति राकेश शर्मा थे जो कि ब्राह्मण समुदाय से तालुकात रखते थे।
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चांद पर अब तक कितने लोग जा चुके हैं?
अभी तक चांद पर पहुंचने में कई लोगों ने सफलता हासिल कर ली है जिनके नाम नील आर्मस्ट्रांग, बज़ एल्ड्रिन, पीट कॉनराड, एलन बीन, एलन शेपर्ड, एड मिशेल, डेविड स्कॉट, जेम्स इरविन, जॉन यंग, चार्ल्स ड्यूक, जैक श्मिट, जीन सर्नन हैं।
नीचे इन सभी लोगों की जानकारी आपको दी जा रही है।
नील आर्मस्ट्रांग
अपोलो मिशन के अंतर्गत भेजे गए नील आर्मस्ट्रांग ने साल 1969 में 20 जुलाई के दिन चंद्रमा की धरती पर अपना कदम रखा था और इस प्रकार से इतिहास में चांद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति के तौर पर हर जगह नील आर्मस्ट्रांग का नाम लिया जाता है। बता दें कि यह नौसेना के पायलट थे साथ ही इंजीनियर और अपोलो 11 के कमांडर भी थे।
बज़ एल्ड्रिन
अपोलो 11 मिशन के अंतर्गत ही नील आर्मस्ट्रांग के पश्चात चांद पर जाने वाले यह दूसरे व्यक्ति बने। इनके द्वारा चंद्रमा पर पैर रखने के लिए
लूनर मॉड्यूल एकल से बाहर निकला गया और इस प्रकार से चांद पर पहुंचने वाले यह दूसरे व्यक्ति बने।
पीट कॉनराड
अपोलो 12 मिशन के चंद्रमा के कमांडर यही थे। यह मिशन साल 1969 में लांच हुआ था और चंद्रमा पर पहुंचने वाले यह तीसरे व्यक्ति थे।
एलन बीन
अपोलो 12 के चंद्र मॉड्यूल पायलट एलन बीन थे। चांद पर जाने वाले यह चौथे व्यक्ति थे।
एलन शेपर्ड
चांद पर पहुंचने में कामयाबी हासिल करने वाले एलन पांचवें व्यक्ति थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एस्ट्रोनॉट होने के साथ ही साथ बिजनेसमैन और टेस्ट पायलट भी थे। यह साल 1971 में फरवरी में अपोलो 14 मिशन के अंतर्गत चांद पर गए थे।
एडगर मिशेल
इन्होंने अपोलो 14 मिशन के अंतर्गत चांद पर पहुंचने में कामयाबी अर्जित की और इस प्रकार से ऐसा करने वाले यह छठे व्यक्ति बने। इनके द्वारा चांद की सतह पर तकरीबन 9 घंटे तक काम किया गया था।
डेविड स्कॉट
अपोलो 15 मिशन के अंतर्गत यह चांद पर गए थे। यह नासा एस्ट्रोनॉट होने के साथ ही साथ अमेरिकन पायलट भी थे। चांद पर पहुंचने वाले यह सातवें व्यक्ति थे। इसके अलावा यह तीन बार अंतरिक्ष में भी जा चुके हैं।
जेम्स इरविन
चांद पर पहुंचने वाले यह आठवें व्यक्ति थे, जो कि अपोलो 15 मिशन के तहत चांद पर गए थे। यह अपोलो लूनर मॉड्यूल के पायलट भी थ। इनकी मृत्यु तकरीबन 61 साल की उम्र में हुई थी और साल 1991 में उन्होंने इस धरती को अलविदा कहा था।
जॉन यंग
इन्होंने नेशनल स्पेस एजेंसी की अपोलो 16 मिशन के अंतर्गत चांद के लिए उड़ान भरी थी और साल 1972 में अपोलो 16 मिशन के कमांडर के तौर पर यह चंद्रमा पर पहुंचने वाले 9वे व्यक्ति बने। इनकी मृत्यु साल 2018 में हुई थी।
चार्ल्स ड्यूक
यह भी अपोलो 16 मिशन के तहत चांद पर गए थे और इस प्रकार से चांद पर अपना कदम रखने वाले यह दसवें व्यक्ति बने। चांद पर पहुंचने वाले सबसे युवा व्यक्ति में इनका नाम लिया जाता है। उन्होंने तकरीबन 36 साल और 201 दिन की उम्र में चांद पर अपना कदम रखा था।
यूजीन सेरनन
यह एक अमेरिकन एस्ट्रोनॉट थे और चांद पर जाने वाले यह 11वे व्यक्ति थे। इन्हें चांद पर अपोलो 17 मिशन के अंतर्गत भेजा गया था। चांद पर अपने कदमों के निशान छोड़ने वाले आखिरी व्यक्ति भी यही थे।
हैरिसन श्मिट
चांद पर जाने वाले यह 12वे व्यक्ति थे, जो कि अपोलो 17 मिशन के अंतर्गत चांद पर गए थे। इस मिशन के पश्चात साल 1975 में इनके द्वारा नासा से रिटायरमेंट ले ली गई थी। इनके द्वारा विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम किया जाता है।
चांद पर सबसे पहले कौन गया?
चांद पर जाने वाले सबसे पहले व्यक्ति का नाम नील आर्मस्ट्रांग था। यह अमेरिका देश में पैदा हुए थे और यह अमेरिकन खगोल शास्त्री तथा चंद्रमा पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे। नील आर्मस्ट्रांग एयरोस्पेस इंजीनियर, नौसेना अधिकारी और एक प्रोफेसर भी थे।
एस्ट्रोनॉट बनने से पहले नील आर्मस्ट्रांग नौसेना में भी काम कर चुके थे और इसी दरमियान कोरिया युद्ध में भी उन्होने पार्टिसिपेट किया था। इनका जन्म सन 1930 में 5 अगस्त को हुआ था और इनकी मृत्यु 25 अगस्त साल 2012 में हुई थी।
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क्या चांद पर पानी है?
अमेरिकन एजेंसी नासा के द्वारा इस बात का पता लगाया है कि चांद पर अच्छी मात्रा में पानी उपलब्ध है। नासा ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उनकी खोज में जो पानी चांद पर पाया गया है, यह पानी ऐसे इलाके में चांद पर मौजूद है जहां पर सूरज की रोशनी पहुंचने में कामयाब हो चुकी है।
नासा के द्वारा दिए गए इस बयान की वजह से चांद पर भविष्य में होने वाले मानव मिशन को काफी तेज गति प्राप्त होगी। चांद पर उपलब्ध पानी का इस्तेमाल रॉकेट ईंधन बनाने के लिए साथ ही पीने के लिए किया जा सकेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चांद पर पानी की उपलब्धि का प्रमाण नासा के सोफिया नाम के एस्ट्रोनॉमी के द्वारा दिया गया है। इसके द्वारा क्लेरियस क्रेटर में पानी के अणु की खोज की गई है।
चांद पर कौन-कौन रहता है?
अगर चांद पर रहने वाले इंसानों की बात की जाए तो चांद पर कोई भी इंसान अभी तक नहीं रहता है। हालांकि चांद पर पहुंचने में जिन इंसानों के द्वारा कामयाबी हासिल की गई है, उन इंसानों के पैर के निशान वहां पर मौजूद है।
हिंदू धर्म ग्रंथ शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो चंद्रमा पर ही पितृलोक और यमलोक का स्थान दर्शाया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितरों का निवास चंद्र के उधर भाग में कहां गया है।
कहा जाता है कि जब हमारे देश में पितृपक्ष चालू होता है तब पितरों का आगमन चंद्रमा से ही होता है। इस प्रकार से यह कहा जा सकता है कि चंद्रमा पर फिलहाल पितृलोक और यमलोक से संबंधित विभिन्न जीव रहते हैं।
चांद धरती से कितना दूर है?
धरती से चांद काफी ज्यादा दूर है। आंकड़े के अनुसार हमारी धरती से चंद्रमा की दूरी तकरीबन 384403 किलोमीटर है। हमारी धरती के चारों और चंद्रमा के द्वारा चक्कर लगाया जाता रहता है।
इसलिए चंद्रमा से धरती की दूरी अथवा धरती से चंद्रमा की दूरी में कभी कमी भी देखी जाती है और बढ़ोतरी भी देखी जाती है। इसलिए चंद्रमा और धरती के बीच की जो दूरी है, उसे कभी भी एक समान नहीं माना जा सकता है। बता दें कि चंद्रमा का वजन 81 अरब टन है।
“चांद पर कौन-कौन गया है?” से सम्बंधित प्रश्न उत्तर {FAQs}
चांद पर सबसे पहले जाने वाले भारतीय पुरुष का नाम राकेश शर्मा है जो कि ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। इनका जन्म साल 1949 में 13 जनवरी के दिन भारत देश के पंजाब राज्य के पटियाला शहर में हुआ था और साल 1984 में 3 अप्रैल के दिन अंतरिक्ष में जाने वाले यह पहले भारतीय पुरुष बने थे। इनके द्वारा अंतरिक्ष में तकरीबन 8 दिन व्यतीत किए गए थे।
अभी तक कोई भी भारतीय महिला चांद पर जाने में सफल नहीं हो चुकी है। कई जगह पर यह लिखा गया होता है कि कल्पना चावला चांद पर पहुंचने में सफल हो चुकी थी परंतु यह बात बिल्कुल झूठ है। कल्पना चावला चंद्रमा पर नहीं बल्कि अंतरिक्ष में गई थी। कल्पना चावला की मृत्यु साल 2003 में 1 फरवरी के दिन 41 साल की उम्र में हुई थी।
चांद पर अमेरिका, जापान, रसिया, चाइना, भारत, कनाडा देश के लोग गए हैं?
चांद पर जाने के लिए एक स्पेशल विमान का इस्तेमाल किया जाता है जिसे स्पेस शटल कहते हैं।
अंतिम शब्द (Final Word)
आशा करते हैं दोस्तों आप सभी को आज का है लेख पसंद आया होगा आज के इस लेख में हमने “चांद पर कौन-कौन गया है?(Chand Par Kon Kon Gaya Hai)” के बारे में संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करना ना भूले धन्यवाद।
