Database Kya Hai : एक समय होता था जब किसी जानकारी को कागजों में संभाल के रखा जाता था। लेकिन आज टेक्नोलॉजी के विस्तार की वजह से हम छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में डेटाबेस में जमा करके रख सकते हैं।

ऐसे में बहुत सारे लोग हैं जो डेटाबेस के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। इसलिए हम आपको इस लेख में डेटाबेस से संबंधित हर प्रकार की जानकारी प्रदान करने वाले हैं। लेकिन इसके लिए आपको यह लेख शुरू से लेकर अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा।
डेटाबेस क्या है? (Database Kya Hai)
डेटाबेस एक ऐसा कलेक्शन है जो डाटा को स्टोर करने, उस में हेरफेर करने और उससे जुड़ी जानकारी को प्राप्त करने की अनुमति देता है। डाटा को कंप्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरण का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहित किया जाता है।
डेटाबेस में हम अलग-अलग तरह के डाटा को एक साथ ही संग्रहित कर सकते हैं। यह डाटा अलग-अलग टेबल में स्टोर होता है जिनका तृतीय टेबल 1 या इससे अधिक कॉलम से मिलता जुलता है। इन टेबलों में डाटा एक विशिष्ट ढंग से संग्रहित होता है जिससे यह डाटा मैनेज करना आसान बनता है।
डेटाबेस में डाटा को मैनेज करने के लिए डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाता है जो कि एक सॉफ्टवेयर होता है और डेटाबेस के प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर डेटाबेस के सभी कामों को संचालित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि डाटा सुरक्षित और स्थिर रहे।
डेटाबेस कैसे काम करता है? (How the database works)
यह समझने के लिए कि डेटाबेस कैसे काम करता है उससे पहले हमें डेटाबेस के विभिन्न अंगों को समझना होगा। डेटाबेस में डाटा तब तक स्टोर रहता है जब तक उसे उपयोगकर्ता की मांग पर प्रस्तुत नहीं किया जाता। डेटाबेस का मुख्य उद्देश्य डाटा को स्टोर करना और इसे ऑर्गेनाइज करना होता है।
जब उपयोगकर्ता डेटाबेस से डाटा का अनुरोध करता है तो डेटाबेस सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के अनुरोध को समझता है और डेटाबेस की जांच करता है कि डाटा मौजूद है या नहीं। यदि डाटा मौजूद है तो डेटाबेस सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के अनुरोध के अनुसार डाटा को प्रस्तुत करता है।
कुछ इसी प्रकार से उपयोग करता डेटाबेस में से डाटा को बदल, डिलीट और जोड़ सकता है। इस तरह उपयोगकर्ता डाटा के साथ काम करके एक सरल ढंग से डाटा को प्राप्त कर सकता है और उसमें आसानी से बदलाव भी कर सकता है।
डेटाबेस का उदहारण (Example of Database)
डेटाबेस के उदाहरण कई प्रकार से लिए जा सकते हैं क्योंकि डेटाबेस को कई क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है जैसे कि व्यापार, सरकार, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि। लेकिन जहां पर हम डेटाबेस को सबसे सरल शब्दों में समझेंगे।
उदाहरण के रूप में एक ई-कॉमर्स कंपनी एक डेटाबेस का उपयोग करती है जिसमें उस कंपनी के उपलब्ध उत्पादों की जानकारी जमा की जाती है। इस डेटाबेस में प्रोडक्ट का नाम, विवरण, मूल्य और उपलब्धता आदि शामिल होती है। जब ग्राहक वेबसाइट पर किसी प्रोडक्ट को खरीदता है तो डेटाबेस में स्टॉक अपडेट होता रहता है और उपलब्धता अनुसार बदलाव होते हैं।
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डेटाबेस के प्रमुख तत्व कौन-कौन से हैं? (Key elements of the database)
एक डेटाबेस कई तरह के तत्वों के साथ मिलकर बनता है जिससे उपयोगकर्ता एक सही ढंग से डाटा को मैनेज कर पाता है। ऐसे में अब हम आपको डेटाबेस के कुछ प्रमुख तत्व के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं:-
- Database Server – डेटाबेस सरवर एक ऐसा उपकरण होता है जिसमें डेटा को कलेक्ट कर के रखा जाता है। यह कंप्यूटर नेटवर्क के अन्य कंप्यूटरों और उपकरणों से डाटा को कलेक्ट करने की अनुमति देता है। इसे हम डेटाबेस का सबसे महत्वपूर्ण तत्व कह सकते हैं।
- Table – डेटाबेस का सबसे महत्वपूर्ण तत्व टेबल है। इसे डेटशीट भी कहा जाता है जिसके हर रो और कॉलम में डाटा इनपुट किया जाता है। जब कोई उपयोगकर्ता डेटाबेस को एक्सेस करता है तो उसे जो डाटा चाहिए वह प्राप्त कर सकता है।
- Query – यह टेबल में स्थित डाटा में हेरफेर करती है। वेरी का इस्तेमाल करके हम टेबल में डाटा को जोड़ सकते हैं, उसे डिलीट कर सकते हैं और उसमें बदलाव भी कर सकते हैं। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह की Queries का इस्तेमाल किया जाता है।
- Form – फॉर्म एक तरह की स्क्रीन या फिर विंडो होती है जिसमें डाटा एंट्री करने के लिए कई सारे फील्ड होती है। इस फॉर्म के माध्यम से हम अन्य व्यक्तियों से डाटा को प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि किसी e-commerce वेबसाइट पर आर्डर करते समय कंपनी हमारे एड्रेस के डाटा को प्राप्त करती है।
- Reports – Query का उपयोग करके हम जो डाटा प्राप्त करते हैं उसे रिपोर्ट कहा जाता है जिससे उपयोगकर्ता को डाटा का विश्लेषण करने में आसानी होती है। उदाहरण के लिए हम डेटाबेस में मौजूद कांटेक्ट नंबरों की रिपोर्ट बना सकते हैं।
डेटाबेस का इतिहास (History of database)
कंप्यूटर और इंटरनेट की तरह डेटाबेस का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। डेटाबेस की शुरुआत उस समय हुई थी जब पेपर में जानकारी या रिकॉर्ड स्टोर करने के लिए इकट्ठा की जाती थी। इसके बाद 1960 के दशक में IBM द्वारा पहला मॉडल तैयार किया गया जो पहले से अधिक यूजर फ्रेंडली था।
इसके बाद 1970 के दशक में, E.F Codd द्वारा रिलेशनल डेटाबेस को विकसित किया गया जो कि एक नया मॉडल था और इसमें डाटा को Tables में विभाजित किया गया था। इसमें डाटा को एक सरल तरीके से जोड़ा जा सकता था और उपयोगकर्ता आसानी से इसमें अपडेट और अन्य ऑपरेशन जैसे कार्य कर सकते थे।
तकनीकी स्तर पर डेटाबेस का वर्तमान में बहुत विकास हो चुका है। अब तक कई प्रकार की डेटाबेस Technologies उपलब्ध हो चुकी है जिन्हें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, संसाधन नियंत्रण, सामान्य एकीकरण, और विभिन्न प्लेटफ़ॉर्मों के लिए उपयोग में लाया जाता है।
डेटाबेस का उद्देश्य क्या है?
डेटाबेस का मुख्य उद्देश्य डाटा को बड़ी मात्रा में स्टोर रखने और प्रबंधित करने के लिए एक केंद्रीकृत व्यवस्थित तरीके से प्रदान करना होता है। इससे व्यवसाय, संगठनों और व्यक्तियों को आसानी से सूचना पहुंचने, संशोधित करने और विश्लेषण करने में सुविधा होती है।
डेटाबेस को स्टोर डाटा को संभालने के लिए डिजाइन किया जाता है जिससे जानकारी को संशोधित करने और संदर्भित करने में आसानी होती है। इसके अलावा, डेटाबेस में हमें बैकअप और रिस्टोर जैसे कुछ फीचर भी मिलते हैं जिससे उपयोगकर्ता को डाटा का विश्लेषण और निर्णय लेने में आसानी होती है।
डेटाबेस के प्रकार (Types of database)
डेटाबेस के विकास की वजह से आज डेटाबेस के कई प्रकार उपलब्ध हो चुके हैं जिन्हें अलग-अलग कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाता है। उनमें से डेटाबेस के कुछ प्रमुख प्रकार इस तरह हैं:-
- Relational Database – यह डेटाबेस रिलेशनल मॉडल पर आधारित होते हैं जिसमें डाटा को एक संबंध से जोड़ा जाता है जो कि एक टेबल में उपलब्ध होता है। आमतौर पर इस तरह के डाटा के लिए SQL को इस्तेमाल किया जाता है।
- Document Database – डॉक्यूमेंट डेटाबेस में डाटा को एक डॉक्यूमेंट के रूप में जमा किया जाता है। लाइटवेट होने की वजह से आजकल डॉक्यूमेंट डेटाबेस काफी प्रचलन में है।
- Column Database – कॉलम डाटा में डाटा को कॉलम के रूप में कलेक्ट किया जाता है। इस तरह के डाटा में कम ट्रैफिक होने की वजह से इसमें जानकारी प्राप्त करना आसान होता है।
- NoSQL Database – यह डेटाबेस Classic SQL से थोड़ा अलग है और नई तकनीकों का उपयोग करके इसे डिजाइन किया गया है। इस ए वेब एप्लीकेशन, सोशल मीडिया और बड़े डाटा सिस्टम आदि जैसी जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है।
- Object Oriented Database – इस प्रकार के डेटाबेस में डाटा को ऑब्जेक्ट के रूप में कलेक्ट किया जाता है। आमतौर पर यह डेटाबेस बड़े और जटिल सिस्टम के लिए उपयोग में लाया जाता है।
डेटाबेस सॉफ्टवेयर क्या होता है? (What is database software)
डेटाबेस सॉफ्टवेयर एक तरह का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होता है जिसमें डेटा को स्टोर करना, संग्रहित करना और उसे व्यवस्थित रूप से प्रवेश करने जैसे कार्य किए जाते हैं। यह डेटाबेस सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं को सुनिश्चित करता है जो डेटाबेस से संबंधित कार्य करते हैं और इसका सही ढंग से उपयोग कर सकते हैं।
डेटाबेस सॉफ्टवेयर की कई सारी विशेषताएं होती है जिनमें डेटाबेस संचालन, डेटा एंट्री, डेटा रिट्रीवल, डेटा अपडेट और डेटा डिलीट करने की क्षमता शामिल हैं। इन सभी विशेषताओं के साथ डेटाबेस सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं के लिए आसान और सुरक्षित तरीके से डाटा का प्रबंधन करने के लिए सहायक होता है।
कुछ लोकप्रिय डेटाबेस सॉफ्टवेयर MySQL, Oracle, Microsoft SQL Server, PostgreSQL, MongoDB और IBM DB2 हैं जिनके उपयोग के साथ विभिन्न प्रकार की डेटाबेस बनाई जा सकती हैं। इन सभी डेटाबेस सॉफ्टवेयर की अपनी-अपनी कुछ विशेषताएं हैं।
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रिलेशन डेटाबेस क्या है? (What is relation database)
रिलेशनल डेटाबेस एक तरह का डेटाबेस होता है जिसमें डाटा एक या एक से अधिक टेबल में संगठित किया जाता है। इसमें डाटा एक स्ट्रक्चर्ड रूप में स्टोर किया जाता है जो कि टेबल के फॉर्म में होता है। टेबल के रूप में डाटा होने की वजह से इसे मैनेज करना और भी आसान हो जाता है।
रिलेशनल डेटाबेस में रो और कॉलम के रूप में डाटा को जमा किया जाता है जिससे यह डाटा एक टेबल का रूप धारण करता है। इसके साथ हम एक टेबल को अन्य टेबल के साथ जोड़ भी सकते हैं ताकि डाटा आसानी से मैनेज हो सके।
आमतौर पर डाटा को प्राप्त करने, अपडेट करने, डिलीट करने और संग्रहीत करने के लिए SQL (Structured Query Language) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा रिलेशनल डेटाबेस का अन्य डेटाबेस की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और तेज होने की वजह से डाटा स्टोर करने के लिए इसे प्राथमिकता दी जाती है।
डेटाबेस के उपयोग क्या है? (What is the use of database)
आज के समय में डेटाबेस का उपयोग बहुत सारे क्षेत्रों में किया जा रहा है क्योंकि इससे डाटा मैनेज करना काफी सरल बन चुका है। अब हम ऐसे ही कुछ क्षेत्रों के बारे में जानेंगे जिनमें डेटाबेस का उपयोग किया जाता है:-
- Social Media – डेटाबेस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सोशल मीडिया के लिए किया जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे यूजर होते हैं चीन की जानकारी डेटाबेस में स्टोर की जाती है।
- Banking – डेटाबेस की वजह से आजकल बैंकिंग बहुत ही आसान बन चुकी है। बैंक अपने डेटाबेस में ग्राहक की जानकारी और उसके लेनदेन की जानकारी को स्टोर करता है।
- Shopping Website – लगभग सभी शॉपिंग प्लेटफार्म डेटाबेस का उपयोग करते हैं। जब ग्राहक कोई सामान खरीदना है तो उसके एड्रेस पर अन्य जानकारी डेटाबेस में जमा कर ली जाती है ताकि डिलीवरी करने में आसानी हो।
- School & College Website – आजकल स्कूल और कॉलेज भी अपने विद्यार्थियों के लिए डेटाबेस का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसके साथ ही कई स्कूल और कॉलेज स्टाफ का डाटा भी स्टोर करते हैं।
- Online Gaming – ऑनलाइन गेम खेलना हर किसी को पसंद होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए भी डेटाबेस का उपयोग किया जाता है। इसमें गेम की जानकारी और उसके अकाउंट की जानकारी जमा की जाती है।
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है?
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम एक तरह का सॉफ्टवेयर टूल होता है जिसमें डेटाबेस का प्रबंधन किया जाता है। DBMS की मदद से डाटा को ऑर्गेनाइज, संग्रहित, इसका विश्लेषण और प्रबंधित किया जाता है। डीबीएमएस के माध्यम से डाटा से जुड़ी गतिविधियों का स्मयावधि तय करने में भी मदद मिलती है।

DBMS के द्वारा उपयोगकर्ता डाटा को सही तरीके से मैनेज कर पाता है क्योंकि इसमें हमें बहुत सारी सुविधाएं मिलती हैं। बता दें कि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं और कुछ पॉपुलर DBMS के उदाहरण MySQL, Oracle, Microsoft SQL Server, PostgreSQL, MongoDB, और SQLite आदि हैं।
आमतौर पर DBMS को उद्योग, सरकारी एवं अन्य संगठनों में उपयोग किया जाता है जिनमें बड़े पैमाने पर डाटा को मैनेज करना होता है। इसलिए आजकल बाजार में नए नए डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम आ रहे हैं।
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के उदाहरण क्या है?
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को कई सारे उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से समय-समय पर नए-नए DBMS बाजार में आते रहते हैं। ऐसे में हम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के मुख्य उदाहरणों के बारे में जानेंगे:-
- Oracle – ओरेकल डाटा बेस एंटरप्राइज ग्रिड कंप्यूटिंग के लिए डिजाइन किया गया पहला डेटाबेस है जिसमें सूचना और अनुप्रयोगों को प्रबंधित करने के सबसे लचीले और लागत प्रभावी तरीके मौजूद हैं। यह एक बहुत ही लोकप्रिय रिलेशनल DBMS है।
- MYSQL – ओरेकल की तरह ही यह भी एक रिलेशनल डीबीएमएस है जोकि ओपन सोर्स लाइसेंस के तहत उपलब्ध है। यह एक लाइटवेट और दर्जनों भाषाओं में उपलब्ध डेटाबेस है जिसकी वजह से इसे वेब एप्लीकेशन और small-scale एप्लीकेशन में उपयोग किया जाता है।
- Microsoft SQL Server – यह एक काफी लोकप्रिय रिलेशनल डीबीएमएस है जो कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। इसके अनुकूल वातावरण और विस्तृत सुरक्षा की वजह से यह एक काफी लोकप्रिय डीवीएमएस बन चुका है।
- MongoDB – यह एक डॉक्यूमेंट डेटाबेस है जिसका उपयोग विभिन्न तरह की एप्लीकेशन में किया जाता है। यह अपनी Efficiency, Scalability और Availability की वजह से जाना जाता है जिसकी वजह से इसमें डाटा मैरिज करना और भी आसान हो जाता है।
- GraphQL – GraphQL एक open-source डेटाबेस है जो कि बड़ी वेब साइट्स, वित्तीय संस्थाएं, शिक्षा संस्थाएं और व्यवसायों जैसे विभिन्न क्षेत्रों मैं उपयोग किया जाता है। यह एक सुरक्षित, ट्रांजैक्शन समर्थित और मजबूत डेटाबेस है।
डेटाबेस में टेबल का क्या महत्व है?
डेटाबेस में टेबल डाटा को अधिक Structured रूप में ऑर्गेनाइज करने के लिए एक महत्वपूर्ण टोल है। टेबल डेटाबेस का ही एक भाग होता है जो डाटा को आसानी से Indexing, Storing और उपयोगकर्ता द्वारा डाटा को जल्दी से खोजने के काम आता है।
टेबल में रो और कॉलम के रूप में जमा डाटा के अलावा टेबल में कुछ अन्य डाटा डाटा भी होता है जो डाटा की विशेषता पर प्रकार के बारे में जानकारी प्रदान करता है। टेबल डेटाबेस मैं बहुत सारी विशेषताएं होती है जो डाटा को एक सही तरीके से स्टोर करने में मददगार साबित होती हैं।
इसके अलावा टेबल डेटाबेस में डाटा को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। इसमें डाटा को स्टोर करने के लिए सुरक्षा की प्राथमिकता होती है जो इसे डाटा चोरी, हैकिंग या अन्य उल्लंघन ओं से बचाती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि डेटाबेस में केबल का काफी बड़ा महत्व है।
डेटाबेस के क्या लाभ है?
डेटाबेस के अनेकों फायदे होने के कारण इसे बहुत सारे क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां पर हम डेटाबेस के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे:-
- डेटाबेस मैं स्टोर किया गया डाटा सुरक्षित रहता है जिससे डाटा की चोरी, नुकसान या उसके नष्ट होने का खतरा नहीं रहता।
- डेटाबेस में हम आसानी से डाटा को कलेक्ट कर सकते हैं। दुनिया के किसी भी कोने से आप एक फोन के माध्यम से डाटा प्राप्त कर सकते हैं।
- डेटाबेस के माध्यम से डाटा को मैनेज करने में आसानी होती है जिससे डाटा अधिक संगठित और अनुकूल बनता है और इसका उपयोग करना सरल होता है।
- प्राप्त किए गए डाटा को हम आसानी से उपयोग में ला सकते हैं।
- डेटाबेस की मदद से हम डाटा का विश्लेषण आसानी से कर सकते हैं। हम केवल कुछ Queries की मदद से अपनी आवश्यकता के अनुसार डाटा को प्राप्त कर सकते हैं।
- बिना Permission के डेटाबेस से डाटा को प्राप्त नहीं किया जा सकता।
डेटाबेस के क्या नुकसान है?
डेटाबेस के जहां हमें बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं वहीं अगर हम इस में लापरवाही बरतते हैं तो इसके कई नुकसान भी भुगतने पड़ सकते हैं। आइए इन संभावित नुकसान के बारे में जानते हैं:-
- जिसे डेटाबेस का उपयोग करना नहीं आता वह अगर इसमें कोई गलती करता है तो सारा डाटा लॉस होने का खतरा रहता है।
- भले ही आज डेटाबेस सॉफ्टवेयर में कई सुरक्षा फीचर जारी किए गए हैं। पर फिर भी इनमें सुरक्षा समस्याएं बनी रहती है। कुछ हैकर हैकिंग के माध्यम से डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बड़े डेटाबेस को मैनेज करने और इसके उपयोग में लागत यह बहुत अधिक होती है जिससे छोटे व्यापारी इसका लाभ नहीं उठा पाते।
- डेटाबेस में यदि डाटा को सही ढंग से स्टोर नहीं किया गया है तो वह डाटा अनुपयोगी हो सकता है। यह अनुपयोगी डाटा आगे चलकर कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
Database से सम्बंधित प्रश्न उत्तर {FAQs}
डेटाबेस के बारे में अच्छे से जानकारी लेने का प्रयास करने के लिए यहां हम डेटाबेस से संबंधित कुछ प्रश्नों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जो ज्यादातर लोगों के मन में उठते हैं। डेटाबेस की अच्छी समझ के लिए हम इन प्रश्नों के जवाब जानेंगे।
डेटाबेस एक स्ट्रक्चर्ड रूप में डाटा का कलेक्शन होता है जिसे संगठित तरीके से संचालित किया जाता है। जैसे कि कोई कंपनी अपने ग्राहकों, उत्पादों और कर्मचारियों के विवरण को एक डेटाबेस में जमा करके रख सकती है।
डेटाबेस का अविष्कार 1960 में हुआ था।
डेटाबेस का आविष्कार एफ.सी.कोटा द्वारा किया गया था।
डेटाबेस का कार्य डाटा को एक स्ट्रक्चर्ड तरीके से संचालित करना होता है। यह डाटा को जोड़ने, हटाने, अद्यतन करने, संग्रहीत करने और प्रबंधित करने की अनुमति देता है।
डेटाबेस रिलेशन 2 या इससे अधिक डाटा सेट में कनेक्शन बना देता है जिससे बड़े स्तर के डाटा को मैनेज करने में आसानी होती है। इसलिए आजकल बड़े बड़े प्लेटफार्म डेटाबेस रिलेशन का उपयोग कर रहे हैं।
वैसे तो डेटाबेस के कई सारे तत्व होते हैं लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख तत्व डेटाबेस सरवर, टेबल, क्वेरी, फॉर्म और रिपोर्ट होते हैं।
अंतिम शब्द (Final Word)
उम्मीद करते हैं दोस्तों आप सभी को आज का यह लेख पसंद आया होगा। आज के इस लेख में हमने “Database Kya Hai“ के बारे में संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर आपके मन में डेटाबेस से संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं हम जल्दी आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करेंगे।
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