गुलाब जो कि एक बहुत ही सुंदर फूल है जिसे आप सभी ने तो देखा ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं गुलाब का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम क्या है?

तो आज हम यही जानने वाले हैं कि गुलाब का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम क्या होता है? और गुलाब से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां क्या-क्या है? तो चलिए जान लेते हैं।
गुलाब का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम क्या है? – Rose ka scientific/vaigyanik name
गुलाब का वैज्ञानिक नाम रोज़ा होता है तथा अंग्रेजी में साइंटिफिक नाम Rosa होता है।
गुलाब सुंदर होने के साथ-साथ खुशबूदार भी होता है। और यह विभिन्न तरह के रंग जैसे लाल, पीला और हरा आदि रंगों में पाया जाता है। गुलाब के रंगों और विभिन्न आकारों के आधार पर गुलाब की 100 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है।
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गुलाब का वर्गीकरण – Classification of rose in hindi
गुलाब का वर्गीकरण नीचे दिए हुए सारणी में देख सकते हैं –
Kingdom | Plantae |
Family | Rosaceae |
Order | Rosales |
Division | Magnoliophyta |
Common name | Rose |
Species | Multiflora rose |
Genus | Rosa L. |
Class | Magnoliopsida |
गुलाब के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- गुलाब एक जालीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है जिसमें बहुत अच्छे सुगंधदार फूल होते हैं।
- ऋतु के अनुसार, गुलाब के दो भेद, वर्ष भर में माने जाते हैं सदाबहार और चैती।
- सदाबहार प्रत्येक ऋतु में फूलता है और चैती गुलाब केवल बसंत ऋतु में।
- चैती गुलाब में विशेष सुगंध होती है और यह इत्र और दवा के काम में आता है।
- गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है इसी से लोग छोटे बच्चों की उपमा गुलाब के फूल से देते हैं।
- गुलाब के इत्र का आविष्कार नूरजहां ने किया था ऐसा कहा जाता है कि गुलाब का इत्र नूरजहां ने 1612 ईस्वी में अपने विवाह के अवसर पर निकाला था।
- पौधों की बनावट, ऊंचाई और फूलों के आकार आदि के आधार पर गुलाब को निम्नलिखित 5 वर्गों में बांटा गया है। हाइब्रिड टी, फ्लोरी बंडा, पोल्येंथाई, मिनीएचर, लता गुलाब ।
- भारत के उत्तर प्रदेश एटा, कानपुर गाजीपुर, बलिया, राजस्थान के उदयपुर, चित्तौड़, जम्मू कश्मीर, हिमाचल और अन्य राज्यों में भी गुलाब की खेती होती है।
गुलाब के फूल का चित्र/फोटो

गुलाब की खेती
- गुलाब की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6 से 8 तक होना चाहिए।
- गुलाब की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होता है।
- मृदा का जल निकास साथ में उचित होना चाहिए।
- गुलाबों की कलम अगस्त से अक्टूबर के महीने में लगा सकते हैं।
- गुलाब की खेती के साथ-साथ अन्य चीजों की खेती भी की जा सकती है।
- गर्मियों के दिन में 5 से 7 दिन के अंतराल में तथा सर्दियों के दिनों में 12 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई की जानी चाहिए।
गुलाब के फायदे (Advantages of rose)
गुलाब के निम्न लिखित फायदे है –
(1) गुलाब हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ा देता है। हमारे शरीर के सारे toxins को बाहर निकालता है। इस तरह से गुलाब मोटापा कम करने के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
(2) गुलाब फूल की पंखुड़ियों को रोजाना खाने से शारीरिक दुर्बलता और कमजोरियां दूर होती है।
(3) गुलाब में फाइबर काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर में पाचन क्रिया को बढ़ाते हैं कब्ज जैसी समस्याओं से हमें मुक्त करते हैं।
(4) गुलाब की ताजा रस की कुछ बूंदें कान में डालने से कान के दर्द से छुटकारा मिलती है।
(5) गुलाब का रस मुंह के छाले को ठीक करने में सहायक होता है।
(6) गर्मी या थकान के कारण यदि आंखों में जलन होती है तो आंखों में गुलाब जल की कुछ बूंदें डालने पर जलन और थकान दूर हो जाती है।
गुलाब के नुकसान (Disadvantages of rose)
गुलाब के निम्न लिखित नुकसान है –
(1) वैसे तो गुलाब के बहुत ही कम नुकसान हैं लेकिन कुछ सामान्य नुकसान गुलाब के देखने को मिलते हैं।
(2) गुलाब से बनने वाला गुलकंद डायबिटीज के रोगियों के लिए नुकसानदायक होता है।
(3) गुलाब जल का इस्तेमाल संवेदनशील त्वचा वाले लोगों द्वारा किए जाने पर उनके चेहरे पर साइड इफेक्ट तो देखे जा सकते हैं।
गुलाब से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)
गुलाब में अच्छे फूल लाने के लिए गोबर खाद, वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल जरूर करें।
गुलाब का वानस्पतिक नाम रोज़ा और कुल Rosaceae है।
गुलाब कीपंखुड़ियों से गुलाब जल, सिरप, शरबत और गुलकंद आदि बनाए जाते हैं।
अंतिम शब्द
आज हमने जाना है गुलाब का वैज्ञानिक या साइंटिफिक नाम क्या है?, गुलाब का वर्गीकरण, गुलाब के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, गुलाब की खेती कैसे करें?
उम्मीद करते हैं आप सभी को यह लेख Gulab ka vaigyanik naam kya hai? पसंद आया होगा। इसी तरह की जानकारी पाने के लिए। हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद
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