नमस्कार दोस्तों आप सभी का हमारे ब्लॉग में स्वागत है आज हम आप सभी को बताएँगे कि एक खो-खो टीम में कितने खिलाड़ी या प्लेयर होते हैं ?, खो-खो का इतिहास क्या है ?, खो-खो के मैदान के बारे में व मैदान का चित्र। वैसे तो खो-खो इंडिया में बहुत ज्यादा फेमस है और सारे स्कूल और कॉलेज में खेले जाते हैं।

खो-खो के खेल में कितने खिलाड़ी या प्लेयर होते हैं ?
खो-खो टीम में 12 खिलाड़ी या प्लेयर होते हैं जिसमें से 9 खिलाड़ी या ग्राउंड में खेल रहे होते हैं। और जो बाकी 3 बचे होते हैं वे एक्स्ट्रा प्लेयर के अंतर्गत आते हैं। यदि किसी को चोट लग जाती है या कोई समस्या आ जाती है। तो उसे हम एक्सचेंज भी कर सकते हैं। एक टीम में जो 9 खिलाड़ी बैठे होते हैं। वह अपने विरोधी टीम के दो खिलाड़ियों को पकड़ने का प्रयास करते हैं।
खो-खो खेल ज्यादातर भारत में ही खेला जाता है दूसरे देशों में इस खेल को नहीं खेला जाता है। और इसे किसी भी गेम में जोड़ा भी नहीं गया है। लेकिन संभावना है कि जब दूसरे देश भी इस खेल को खेलने लगेंगे। तब से खेलों में जोड़ा जाएगा।
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खो-खो का इतिहास – History of Kho-Kho In Hindi
खो-खो के इतिहास के बारे में बात की जाये तो, खो-खो शब्द की उत्पत्ति महाराष्ट्र राज्य से हुई है। यह मुख्य रूप से एक भारतीय खेल है। इस खेल को सबसे पहले पुना (महाराष्ट्र) में खेला गया था। खो-खो खेल का वर्णन धर्म शास्त्र में भी है। जिसमें यह लिखा हुआ है कि श्री कृष्ण इस प्रकार का खेल अपने मित्रों के साथ खेला करते थे।
खो शब्द संस्कृत के शू (Syu) से लिया गया है जिसका अर्थ खड़े हो और जाओ होता है।
- 1914 में खो-खो की प्रथम प्रतियोगिता हुई थी।
- 1961 में भारतीय खो-खो फाउंडेशन का गठन हुआ।
- 1961 में महिलाओं को खो-खो खेल में शामिल किया गया।
- सन् 1972 में पहली जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन किया गया।
- 1982 में खो-खो को ओलंपिक में शामिल कर दिया गया।
खो-खो के मैदान के बारे में – About Kho-Kho Ground In Hindi
तो चलिए खो-खो के मैदान के बारे में जान लेते है –
खो-खो मैदान का चित्र/फोटो

- खो-खो के मैदान की लंबाई 27 मीटर तथा तथा 16 मीटर की चौड़ाई होती है। यानी 27×16 मीटर का कोर्ट होता है।
- कोर्ट के अंदर end line से 1.50 मीटर की दूरी पर दोनों तरफ पोल लगे होते हैं। End line से पोल के बीच की दूरी को Free Zone Area कहते हैं। तथा जिस लाइन पर पोल लगी होती है उसे Post line कहते है ।
- इसके अंदर क्रॉस लेन(गाली) होते हैं। जिनकी संख्या आठ होती है। post line(रेखा) से पहली cross lane के बीच की दूरी 2.55 मीटर होता है। और उसके बाद जितने भी क्रॉस लेन होता है उसके बीच की दूरी 2.30 मीटर होता है।
- कोर्ट के बीच में एक पोल से दूसरे पोल तक लेन या गली होती है जिसे Centre lane कहते है जिसकी दूरी 24 मीटर होती है।
- कोर्ट में आड़ी और तिरछी लेन जहां पर मिलती है वहां Seating Blocks होते है। ये ब्लॉक्स 35×30cm के होते है।
- कोर्ट के चारों तरफ 1.5 मीटर की दूरी पर चारों तरफ एक और लाइन खींची जाती है। जिसे लॉबी (Lobby) कहते हैं। जो कि 1.5 मीटर की होती हैं। और लॉबी के अंदर एंट्री जोन होते हैं।
- लॉबी के बाहर Right Side में एक Scorer Table और Substitution Zone 1×1m का होता है।
- पोस्ट या पोल की ऊंचाई 120 से 125 सेंटीमीटर होता है। और इसका व्यास (Diameter) 9 से 10 सेंटीमीटर तक होता है।
खो-खो खेल से सम्बंधित कुछ प्रश्न उत्तर (FAQs)
खो-खो का मैदान 27 मीटर लंबा होता है।
खो-खो के खेल में 1 टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं और इसके अलावा तीन एक्स्ट्रा प्लेयर होते हैं।
खो-खो के खेल में पोल की ऊंचाई लगभग 120 से 125 सेंटीमीटर तक होता है।
खो-खो खेल की शुरुआत सबसे पहले महाराष्ट्र में हुई ।
खो-खो के खेल में प्रत्येक टीम की पारी सात 7-7 मिनट की होती है।
खो-खो में कुल 8 सीटिंग ब्लॉक्स होते हैं ।
खो-खो के मैदान में एक बार में 2 धावक एंट्री करते हैं?
खो-खो में महिलाओं द्वारा अच्छा प्रदर्शन करने पर विजयलक्ष्मी पुरस्कार दिया जाता है।
खो खो की प्रसिद्ध महिला खिलाड़ी सारिका काले, मंदाकिनी मझी और अलिशा सिन्हा है।
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आज हमने क्या जाना ?
आज हमने जाना है खो-खो के खेल में कितने खिलाड़ी होते हैं ?, खो-खो का इतिहास क्या है ?, खो-खो के मैदान के बारे में ।
आशा करते हैं आप सभी को यह जानकारी Kho-Kho Mein Kitne Player Hote Hai पसंद आई होगी। इसी तरह के ज्ञानवर्धक बातें जानने के लिए हमारे ब्लॉग को जरूर सब्सक्राइब करें और ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। धन्यवाद
