इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं विश्व के पांच Mahasagar Ke Naam या Ocean Name in Hindi & English के बारे में कभी-कभी यह होता है कि हमें छोटी-छोटी चीजों के नाम को याद करने में काफी कठिनाई होती है और लंबा समय लग जाता है। लेकिन फिर भी यह चीजें काम के समय में याद नहीं आती है। तो ऐसी चीजों के नाम याद करने के लिए हमेशा ट्रिक का उपयोग करना चाहिए।

धरती का लगभग 70 प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है। जिसमें खारा पानी बर्फ और जलीय जीव जंतुओं का जीवन है। और यह भाग ही पांच महासागरों को बनाता है यह महासागर विशाल क्षेत्र को घेरे हुए हैं। सात महाद्वीपों को यह आपस में जोड़ते हैं और इन्हीं महासागरों के जरिए बहुत ही पुराने समय से व्यापार किया जा रहा है। पूरे विश्व में पांच महासागर या Ocean है जो पूरे विश्व की भौगोलिक दशा को निर्धारित करने में सहायक है।
महासागरों के नाम हिंदी में – Ocean Name in Hindi
पांच Mahasagar Ke Naam बड़े से छोटे क्रम में निम्न लिखित है –
महासागरों का हिंदी में नाम याद करने का ट्रिक (बड़े से छोटे क्रम में)
” प्रशांत अटल है अंत तक “
महासागरों के नाम अंग्रेजी में – Ocean Name in English
तो चलिए Mahasagar Ke Naam अंग्रेजी में जान लेते है।
- Pacific ocean
- Atlantic ocean
- Indian ocean
- Antarctic ocean
- Arctic ocean
महासागरों का English में नाम याद करने का ट्रिक (बड़े से छोटे क्रम में)
“PAISA”
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महासागरों की पूरी जानकारी – Full Detail About Ocean In Hindi
प्रशांत महासागर (Pacific ocean)

धरती के 30% भाग प्रशांत महासागर ने घेरा है इसकी आकृति त्रिभुजाकार है इसका क्षेत्रफल 16,18,00,000 वर्ग किमी है। प्रशांत महासागर की औसत गहराई लगभग 4,000 मीटर है तथा अधिकतम गहराई लगभग 11,000 मीटर है इसमें सभी महासागरों का 50% से भी अधिक पानी है।
प्रशांत महासागर सबसे बड़ी महासागर मानी जाती है। इस महासागर को लैटिन में पीसफुल कहा जाता है अर्थात शांत महासागर। यह पूरे पृथ्वी के एक तिहाई हिस्सा में फैला हुआ है । इसकी चौड़ाई की बात की जाए तो Philippines के तट से लेकर Panama Canal तक 9544 मिल फैला हुआ है। प्रशांत महासागर पूरे विश्व के महासागरों का 45.8% है। इसके अलावा यह दुनिया का सबसे गहरा महासागर भी माना जाता है।
अटलांटिक महासागर ( Atlantic ocean)

इसका महासागर का क्षेत्रफल 10,64,00,000 वर्ग किमी है इसका आकार 8 की आकृति की तरह है यह यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को दुनिया के बाकी महाद्वीपों से अलग करता है
अटलांटिक महासागर की औसत गहराई 3,339, मीटर है इस महासागर की सबसे ज्यादा गहराई 8,605 मीटर है।
अटलांटिक महासागर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है। अटलांटिक महासागर को अंध महासागर के नाम से भी जाना जाता है। अटलांटिक महासागर पुरानी दुनिया को नई दुनिया से अलग करता है। एशिया और यूरोप को पुरानी दुनिया कहा जाता है तथा अमेरिका को नई दुनिया कहा जाता है यह महासागर इन दोनों को अलग करता है। यह यूरोप से लेकर पूर्व में अमेरिका महाद्वीप का फैला हुआ है। और पश्चिम में अमेरिका महादेश तक फैला हुआ है।
हिंद महासागर (Indian ocean)

धरती के कुल क्षेत्रफल का 7% हिस्सा हिंद महासागर ने घेरा है हिंद महासागर का क्षेत्रफल 7.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है। हिंद महासागर का औसत गहराई 4 किलोमीटर है।और अधिकतम गहराई 8,047 मीटर है।
हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। पृथ्वी की सतह पर जितना भी पानी है उसका 20% भाग किस महासागर में समाहित है। पुराने समय में ग्रीक और फ्रांसीसी इसे पूरबी महासागर (Esatern Ocean) कहते थे। और चीन के लोग इसे पश्चिमी महासागर (Western Ocean) करते थे।
अंटार्कटिक महासागर (Antarctic ocean)

इस महासागर का क्षेत्रफल 1,40,00,000 वर्ग किमी है अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.9 कितनी मोटी बर्फ से ढका हुआ है पानी के बर्फ के रूप में होने के कारण यहां की गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल है इसीलिए यहां पर इसकी ऊंचाई नापी जाती है सबसे ऊंचा शिखर 4,776 मीटर है औसत 1.9 चीनी मोटी बर्फ की परत है।
अंटार्कटिक महासागर दक्षिण ध्रुवीय महासागर के नाम से जाना जाता है। क्योंकि यह महासागर दक्षिण ध्रुव पर स्थित है। दक्षिण ध्रुव को अंग्रेजी में साउथ पोल कहा जाता है। और इस महासागर को Southern Ocean के नाम से जाना जाता है। क्योंकि यह महासागर अंटार्कटिका महाद्वीप में चारों तरफ फैला हुआ है। इसीलिए इसे अंटार्कटिक महासागर कहा जाता है। इस महासागर में कई ऐसे जीव पाए जाते हैं। जो अन्य महासागरों की तुलना में बिल्कुल ही अलग है।
आर्कटिक महासागर (Arctic ocean)

इस महासागर का क्षेत्रफल 1,40,60,000 वर्ग किमी है इस महासागर की औसत गहराई 1,038 मीटर व अधिकतम गहराई 5,450 मीटर है।
आर्केटिक महासागर विश्व के पांच महासागरों में सबसे छोटा है। इसके अलावा यह सबसे कम गहराई वाला महासागर है। यह सबसे ठंडे महासागर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां बर्फ के अलावा कुछ भी नहीं है । यह महासागर समुद्री बर्फ से साल भर जाकर रहता है। और खासकर सर्दियों में तो यह पूर्ण रूप से बर्फ से ढका रहता है। चाहे गर्मी हो या सर्दी हमेशा आर्केटिक महासागर बर्फ की चादर से ढका रहता है। आर्केटिक महासागर उत्तरी ध्रुव पर है। जिसके कारण वहां पर सूर्य की किरण बहुत ही कम पड़ पाती है। जिस कारण से आर्कटिक महासागर का तापमान बहुत ही कम होता है।
महासागर का संरक्षण क्यों जरूरी है ?
विश्व के करोड़ों लोग महासागरों से प्राप्त होने वाले स्रोत पर निर्भर हैं। और कई लोग समुद्र से प्राप्त होने वाले संसाधन के द्वारा ही अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि समुद्र से मछलियां पकड़ने से लाखों-करोड़ों लोगों को रोजगार की प्राप्ति होती है। पृथ्वी के 70% भाग में महासागर है।
महासागरों के द्वारा ही कुछ हानिकारक जैसे-जैसे कार्बन डाइऑक्साइड का 25 % तथा ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण उत्पन्न होने वाले भीष्म गर्मी को सांस लेता है। इस प्रकार महासागर जलवायु को प्रभावित होने से रोकता है। और हमारे द्वारा जो ऑक्सीजन सांस लेने में उपयोग किया जाता है इसका 50 % भाग महासागरों से ही मिलता है। इसलिए महासागरों का संरक्षण करना बहुत ही जरूरी है।
महासागर कैसे प्रदूषित होते हैं इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
महासागरों के प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है विभिन्न प्रकार के रसायन कण, कृषि औद्योगिक , कारखानों से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ तथा आक्रामक जीव है। यह हानिकारक पदार्थ महासागरीय वातावरण को असंतुलित करते हैं। इन हानिकारक पदार्थों से समुद्री जीव बुरी तरह से प्रभावित होते हैं । इन विषाक्त पदार्थों से समुद्री जीव के विभिन्न प्रकार के बीमारियों से ग्रसित होते हैं।
महासागरों पर निर्भर जीवन यापन करने वाले लोगों के जीवन पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। लोगों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है । और इसके साथ साथ विषाक्त जल के कारण समुद्री संसाधन धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। जो सीधे ही मानव जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है।
महासागर से सम्बंधित प्रश्न उत्तर – FAQs Related to Ocean In Hindi
महासागरों से हमें जैविक, खनिज और ऊर्जा संसाधन प्राप्त होते हैं। जो मानव जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है।
विश्व में 5 महासागर है प्रशांत , अटलांटिक, हिंद, अंटार्कटिका, आर्कटिक महासागर।
महासागरों से हमें बहुत लाभ प्राप्त होता है महासागरों से विभिन्न प्रकार के संसाधन प्राप्त होते हैं जो मानव जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी होता है।
महासागरीय जल से हमें जैविक खनिज और ऊर्जा संसाधन प्राप्त होते हैं इसलिए महासागरीय जल आवश्यक है।
गर्म और ठंडी जलधाराएं दक्षिण अटलांटिक महासागर में पाया जाता है जिसे बेलुंगा धारा कहते हैं।
महासागरीय धाराओं में कैनरी, लेब्राडोर, पेरू, पश्चिम पवन, ओयाशियो, ऑस्ट्रेलियाई, कैलिफोर्निया इत्यादि धाराएं शीत या ठंडी धाराएं हैं।
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