नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे आज के लेख में । आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं मटर का वैज्ञानिक नाम क्या होता है? (Scientific Name Of Pea In Hindi), मटर की किस्में, मटर खाने के फायदे और नुकसान, मटर में कौन-कौन से विटामिन पर प्रोटीन होते हैं?

मटर की खेती सर्दियों के दिनों में की जाती है। मटर का उपयोग खाने और सब्जी बनाने दोनों प्रकार से किया जाता है सर्दियों के दिनों में मटर की काफी ज्यादा डिमांड होती है। इसलिए मटर की खेती करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। मटर की खेती भारत के प्रमुख फसलों में से एक माना जाता है। इसलिए मटर वैज्ञानिक नाम क्या होता है ? यह प्रश्न अधिकतर प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाते है।
मटर का वैज्ञानिक नाम क्या होता है ? – Matar ka vaigyanik naam
तो दोस्तों मटर का वैज्ञानिक नाम Pisum Sativum / पाइसाम सटाइवाम होता है। मटर एक फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा होता है इसकी जड़ों में गाठे बनी होती है।
मटर के बीज का वजन 0.1 से 0.36 ग्राम होती है इसका केंद्र अर्थात खेती का क्षेत्र दक्षिण एशिया में है।
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मटर का वर्गीकरण – Classification Of Pea in Hindi
मटर का वर्गीकरण निम्न लिखित है –
Kingdom | Plantae |
Order | Fabales |
Family | Fabaceae |
Genus | Pisum |
Species | Pisum Sativum |
Phylum | Magnilophylum |
Class | Magnolipsida |
मटर की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
मटर की खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जिसे आप नीचे देख सकते है।
मटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
मटर की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है, लेकिन इसकी खेती लाल मिट्टी में भी कर सकते हैं।
मटर की बुवाई का सही समय
मटर की बुवाई का सही समय अक्टूबर का माह होता है इसमें आप मटर की बुवाई कर सकते हैं। लेकिन कुछ किसान सितंबर के माह में भी मटर की फसल को लगा देते हैं। लेकिन इससे उत्पादन कम होता है और उस फसल में इल्ली लगने की संभावनाएं ज्यादा होती है।
मटर की कुछ उन्नत किस्में
यह वह उन्नत किस्में है जिसकी पहली तुड़ाई 50 से 75 दिनों में हो जाती है। मटर की उन्नत किस्म के बारे में बात किया जाए तो। G-10, मालव, आर्केल, अरलीबैजर, बौनविले, असौजी, पंत उपवार आदि है।
अपने क्षेत्र में मटर की बुवाई करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से मटर की किस्मों की जानकारियां जरूर लें। जिससे आप उचित किस्मों की बुवाई कर सकें।
मटर की बुवाई कैसे करें ?
मटर की बुवाई के लिए गोबर की खाद तथा npk 12:32:16 डालकर मटर की बुवाई करें।
सिंचाई करने के बाद पर्याप्त नमी देखकर सीड्रिल की सहायता से बुनाई कर सकते हैं।
मटर की बुवाई करने के लिए 1 हेक्टेयर में 80 KG बीज जरूर डालें। मटर की खेती में दो बार सिंचाई की आवश्यकता होती है पहली बार पानी, बुवाई के बाद फूल के समय और दूसरा बार पानी भराव के समय देना जरूरी होता है।
मटर खाने के फायदे – Advantages of eating peas
- मटर में पर्याप्त मात्रा में आयरन, जिंक, मैग्नीज और कॉपर मौजूद होता है। यह तत्व शरीर को कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं।
- हरी मटर में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। इसीलिए जिन लोगों की शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और जो लोग जल्दी से बीमार पड़ जाते हैं। वह लोग मटर का सेवन जरूर करें।
- हृदय से जुड़ी बीमारियों के लिए भी हरे मटर का सेवन करना फायदेमंद होता है यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मेंटेन करके रखता है। और दिल से जुड़ी कई बीमारियों के होने की आशंका को कम करता है।
- मटर खाने से हमारे बॉडी में कैल्शियम की पूर्ति होती है जिससे हमारी हड्डियां भी मजबूत होती हैं। मटर खाने से शरीर में विटामिन K की पूर्ति होती है।
- मटर में ऐसे कई तत्व मौजूद होते हैं जो वजन को नियंत्रित रखने का काम करते हैं। हरे मटर के अंदर न्यूट्रिएंट्स पाई जाती है जो कि वजन को कम करने का काम करती है।
- मटर ऊर्जा बढ़ाने का काम करते हैं और इसे खाने से शरीर आसानी से नहीं थकता है अर्थात थकावट कम लगती है।
- मटर में फाइबर पाया जाता है जो हमारे पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
मटर खाने के नुकसान – Disadvantages of eating peas
वैसे मटर खाने से कोई गंभीर दुष्प्रभाव तो नहीं होते हैं लेकिन इसके ज्यादा सेवन करने से यह आपको प्रभावित कर सकते हैं।
- दस्त की समस्याएं देखने को मिलती है।
- अधिक मात्रा में मटर का सेवन करने से पाचन खराब हो सकता है। और पेट में दर्द भी हो सकता है।
- मटर का अधिक मात्रा में सेवन करने से एलर्जी से जैसी समस्या भी देखने को मिलती है।
मटर में कौन सा विटामिन पाया जाता है ?
हरी मटर में निम्नलिखित विटामिन पाए जाते हैं – विटामिन A, C, K पाए जाते हैं इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे जिंक, कॉपर पाए जाते हैं।
मटर से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)
मटर की खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में होती है पूरे भारत में बोई जाने वाली मटर का लगभग 55% मटर उत्तर प्रदेश में बोई जाती है।
मटर की सिंचाई 10 से 15 दिन के अंदर कर सकते हैं।
मटर का कुल नाम लेग्युमिनेसी होता है।
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आज हमने क्या जाना ?
आज हमने जाना है मटर का वैज्ञानिक नाम क्या होता है ? (Scientific Name Of Pea In Hindi) मटर का वर्गीकरण, मटर की खेती, मटर के दाने के फायदे और नुकसान क्या – क्या है ?
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