Meditation कैसे करें? – How To Meditation in Hindi

Meditation Kaise Kare : आजकल की Busy जिंदगी की वजह से इंसान इतना ज्यादा व्यस्त हो गया है कि वह अपनी Health के लिए भी समय नहीं निकाल पा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप इंसान विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जा रहा है। इन सभी चीजों से छुटकारा पाने के लिए इंसानों को रोजाना योगा अथवा मेडिटेशन करना चाहिए।

मेडिटेशन करने के कई तरीके हैं जिसके लिए आपको अपनी लाइफ स्टाइल में कोई भी बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। आप रोजाना 10 मिनट से लेकर के 20 मिनट तक का मेडिटेशन कर सकते हैं और अपने दिमाग को शांत कर सकते हैं। इस आर्टिकल में आज हम चर्चा करेंगे कि “Meditation कैसे करें” और “मेडिटेशन के लाभ और हानि क्या है?”

मेडिटेशन कैसे करें? (Meditation Kaise Kare)

मेडिटेशन करने के लिए सर्वप्रथम आपको एक शांत जगह की तलाश करनी होती है। उसके पश्चात आपको अपने खाली समय में शांति से बैठना होता है और उसके पश्चात आप जिस प्रकार का मेडिटेशन करना चाहते हैं उस प्रकार का मेडिटेशन करना प्रारंभ करना होता है।

अगर आपको यह नहीं पता है कि मेडिटेशन के कितने प्रकार होते हैं? तो आप इसकी जानकारी इंटरनेट से प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें कि मेडिटेशन करने के दरमियान ध्यान भटकाने वाली चीजों को अपने से दूर रखे, जैसे कि मोबाइल, अलार्म इत्यादि।

मेडिटेशन के फायदे

मेडिटेशन से इंसानी बॉडी को विभिन्न प्रकार के फायदे प्राप्त होते हैं जिनमें से मुख्य फायदे की चर्चा नीचे हमने की है।

तनाव में कमी

तनाव की समस्या से परेशान व्यक्ति अगर दैनिक तौर पर मेडिटेशन करते हैं तो उनका तनाव कम होता है और उनके दिमाग की उलझने भी कम होती है।

टेंशन और डिप्रेशन में कमी

किसी व्यक्ति को अगर किसी बात को लेकर के टेंशन है या फिर वह लंबे समय से डिप्रेशन की समस्या से परेशान हैं तो उन्हें इससे मेडिटेशन छुटकारा दिला सकता है परंतु यह तभी संभव है जब सही समय पर मेडिटेशन सही प्रकार से किया जाए।

दिमागी विकास

मेडिटेशन करने से दिमाग की कार्यक्षमता भी तेज गति के साथ बढ़ती है, क्योंकि जब मैडिटेशन किया जाता है तब चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्या से हमें छुटकारा मिलता है।

दर्द से छुटकारा

रोजाना मेडिटेशन करने से हमारी बॉडी में खून का प्रभाव बैलेंस होता है और साथ ही साथ दिमाग को भी शांति की प्राप्ति होती है। मेडिटेशन की वजह से आत्मिक और भौतिक दोनों ही प्रकार के दर्द खत्म होते हैं।

ब्लड प्रेशर कन्ट्रोल

जब कोई व्यक्ति रोजाना मेडिटेशन करता है तो इसकी वजह से उसका ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में आता है क्योंकि मेडिटेशन दिमागी शांति देता है। और हमारी बॉडी में खून के प्रवाह को कंट्रोल करता है और यही दोनों चीजें ब्लड प्रेशर होने के कारक माने जाते हैं। इसलिए रोजाना मेडिटेशन करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है।

ह्रदय स्वास्थ्य

हृदय की समस्या देने वाले सभी कारकों को मेडिटेशन कंट्रोल में रखता है। जैसे की चिंता, ब्लड प्रेशर और टेंशन इत्यादि।

नींद में सुधार

अगर आप सही नींद ना आने की समस्या से परेशान हैं तो आपको माइंडफूलनेस मेडिटेशन करना चाहिए क्योंकि इस पर हुई एक रिसर्च के अनुसार मेडिटेशन करने से व्यक्ति को अच्छी नींद आती है क्योंकि जब वह माइंडफूलनेस मेडिटेशन करता है तो उसका दिमाग शांत होता है साथ ही उसकी नींद से संबंधित समस्याएं भी दूर हो जाती है।

मेडिटेशन के लिए प्रमुख टिप्स

अगर मेडिटेशन के टिप्स को ध्यान में रखते हुए आप मेडिटेशन करते हैं तो आप अपना सारा ध्यान अच्छे तरह से मेडिटेशन में लगा सकेंगे साथ ही आपको मेडिटेशन का भी पूरा फायदा प्राप्त होगा। इसलिए नीचे दिए हुए मेडिटेशन के प्रमुख टिप्स आपको अवश्य ही ध्यान में रखना है।

सही समय का चुनाव

मेडिटेशन करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है। सुबह अगर आप सूर्योदय के समय मेडिटेशन करते हैं तो इसकी वजह से आपकी बॉडी को नई ऊर्जा प्राप्त होती है और आपका शरीर टेंशन मुक्त होता है।

 इसलिए आपको रोजाना 6:00 बजे से लेकर के 7:00 बजे के बीच में मेडिटेशन करना चाहिए। अगर मौसम गर्मियों का है तो आपको सुबह 5:00 से लेकर के 6:00 बजे के बीच मेडिटेशन करना चाहिए।

शांत स्थान

मेडिटेशन करने के लिए यह आवश्यक है कि आपका दिमाग शांत हो क्योंकि जब आपका दिमाग शांत रहेगा तभी आप सही प्रकार से अपना ध्यान मेडिटेशन में लगा सकेंगे। इसके लिए यह आवश्यक है कि आप ऐसी जगह पर मेडिटेशन करें जहां का वातावरण शांत हो।

और वहां पर आपको डिस्टर्ब करने वाला कोई भी व्यक्ति या फिर कोई भी चीज ना हो। इसलिए इस बात को निश्चित कर ले कि जिस जगह पर आप मेडिटेशन करना चाहते हैं उस जगह पर कोई भी शोर-शराबा ना हो।

आरामदायक कपड़े

मेडिटेशन करने के लिए आपको आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि जब आप तंग कपड़े पहनकर मेडिटेशन करते हैं तो इससे आपका ध्यान मेडिटेशन में सही प्रकार से नहीं लग पाता है।

इसलिए जब कभी भी मैडिटेशन करें तो हल्के और ढीले कपड़े पहने ताकि आप कंफर्टेबल महसूस करें।

वार्म अप अवश्य करें

मेडिटेशन करने के लिए सही जगह का सिलेक्शन करने के बाद और सही कपड़े पहनने के पश्चात मेडिटेशन स्टार्ट करने से पहले आपको हल्का-फुल्का वार्म अप अवश्य करना चाहिए। यह 15 से 20 मिनट का हो सकता है।

ऐसा अगर आप करते हैं तो आपकी बॉडी में ब्लड सरकुलेशन अच्छा हो जाता है जो मेडिटेशन की प्रक्रिया में बहुत ही सहायक साबित होता है। इसके अलावा आप मेडिटेशन के विभिन्न प्रकार में से किसी भी प्रकार का सिलेक्शन करके मेडिटेशन करना प्रारंभ कर सकते हैं।

मेडिटेशन कितनी देर करना चाहिए?

मेडिटेशन करने की टाइमिंग क्या हो सकती है यह आप पर ही डिपेंड करता है। आप जितना ज्यादा समय इसे देंगे, उतना ही आपका फायदा होगा। हालांकि सामान्य तौर पर कम से कम 10 मिनट से लेकर के 20 मिनट तक मेडिटेशन अवश्य करना चाहिए। एक बात और ध्यान रखें कि मेडिटेशन आपको खाली पेट ही करना चाहिए।

ऐसा करने से आप बेहतर तरीके से अपनी बॉडी की ऊर्जा का इस्तेमाल ध्यान लगाने में कर सकेंगे। इसके अलावा आपको मेडिटेशन करने के दरमियान गहरी सांस लेनी चाहिए और धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से ध्यान लगेगा और मन भी शांत होगा।

मेडिटेशन के नुकसान

मेडिटेशन के फायदे से अगर मेडिटेशन के नुकसान की तुलना की जाए तो इसके नुकसान कम ही है परंतु इसके जो नुकसान है उसे भी नजर अंदाज करना सही नहीं है।

  • ऐसे लोगों को मेडिटेशन करने से दिक्कत हो सकती है जिन्हें सांस की समस्या है या फिर जिन्हें सांस फूलने की समस्या है, क्योंकि मेडिटेशन के कुछ प्रकार में आपको सांस अंदर बाहर छोड़ना होता है। इसलिए सांस की दिक्कत वाले लोगों को इससे समस्या हो सकती है।
  • इसके अलावा जो लोग घुटने की समस्या से परेशान हैं उन्हें भी मेडिटेशन करने से नुकसान हो सकता है।
  •  साथ ही जो लोग एक ही जगह पर 10 मिनट भी नहीं बैठ सकते हैं, उन्हें भी मेडिटेशन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को रीढ की हड्डी में दर्द होता है उन्हें भी इसे करने से बचना चाहिए।

मेडिटेशन करते समय क्या-क्या सोचना चाहिए?

मेडिटेशन करने के अलग अलग प्रकार है। अगर आप मेडिटेशन करना चाहते हैं और इस दरमियान आप यह सोच रहे हैं कि आप क्या सोचे तो आप मेडिटेशन करने के दरमियान किसी मंत्रों का जाप कर सकते हैं। यह जाप मानसिक होना चाहिए।

इसके अलावा आप सामने रखी हुई किसी चीज को लगातार त्राटक के तौर पर देख सकते हैं। यह भी ध्यान लगाने में आपके लिए सहायक साबित होगा। इसके अलावा आपकी जो पसंदीदा चीज है आप उसके बारे में भी शांत दिमाग से सोच सकते हैं। इसके अलावा भी अगर आपके मन में अन्य कोई पॉजिटिव ख्याल आते हैं तो आप उसके बारे में सोच सकते हैं।

“Meditation Kaise Kare” से सम्बंधित प्रश्न उत्तर {FAQs}

क्या 5 मिनट का ध्यान काफी है?

अगर आप पूरी एकाग्रता के साथ और शांत दिमाग से सिर्फ 5 मिनट ही ध्यान कर लेते हैं तो यह भी आपके लिए काफी होता है। हालांकि बेहतर परिणाम के लिए इससे अधिक समय तक ध्यान लगाना चाहिए।

1 दिन में कितने घंटे ध्यान करना चाहिए?

1 दिन में आपको सिर्फ 1 घंटे ध्यान करना चाहिए। इसमें से आधा घंटा आपको सुबह ध्यान करना चाहिए और आधा घंटा आपको शाम के समय ध्यान करना चाहिए। हालांकि अगर आपके पास और भी समय है तो आप रोजाना 1 से लेकर के 2 घंटे का ध्यान कर सकते हैं।

ध्यान से शक्ति कैसे प्राप्त करें?

किसी भी प्रकार की शक्ति को प्राप्त करने के लिए ध्यान लगाना बहुत ही आवश्यक होता है। आप किसी गुरु की सानिध्य में जब साधना या फिर सिद्धि करते हैं तो आपको संबंधित देवी देवता के मंत्रों का उच्चारण करना होता है।
 और मंत्र संबंधित देवी देवता तक तभी पहुंच पाते हैं जब आप पूरा ध्यान लगाकर और सही उच्चारण करते हैं। इससे आप और आपके आराध्य के बीच संपर्क जल्दी से स्थापित हो पाता है। इसलिए साधना सिद्धि में ध्यान का विशेष महत्व बताया गया है। लेकिन किसी भी तरह का ध्यान लगाने से पहले आपको यह पता करना जरूरी है की आप किस तरह की शक्ति पाना चाहते है।

ध्यान कौन से दिशा में बैठकर करना चाहिए?

आप अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी दिशा में बैठकर के ध्यान लगा सकते हैं। अगर आप सूर्योदय के समय ध्यान लगा रहे हैं तो आपको पश्चिम दिशा की तरफ अपना मुंह करके ध्यान लगाना चाहिए और अगर आप शाम के समय ध्यान लगा रहे हैं तो आपको शाम के समय में भी पश्चिम दिशा की तरफ ही अपना मुंह करके ध्यान लगाना चाहिए।

अंतिम शब्द

आशा करते हैं दोस्तों आप सभी को हमारा आज का यह लेख पसंद आया होगा। आज के इस लेख में हमने Meditation Kaise Kare के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है अगर आपको इससे बेहतर और meditation के बारे में जानकारी हो तो हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

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