संज्ञा किसे कहते है ? संज्ञा के प्रकार की पूरी जानकारी उदाहरण सहित

नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से आप सभी का हमारे लेख में स्वागत है आज हम जानने वाले हैं संज्ञा किसे कहते हैं ?(Sangya kise kahate hain), संज्ञा के कितने प्रकार हैं ? संज्ञा के उदाहरण क्या है ? तो जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए।

संज्ञा किसे कहते है ? – Sangya kise kahate hain ?

Sangya kise kahate hain : संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, स्थान, गुण के नाम का बोध होता हो। संसार में उपस्थित जितने भी चीजें हैं सभी संज्ञा के अंतर्गत आता है जैसे गाय, बैल, भैंस, पर्वत, नदी आदि भी संज्ञा के अंतर्गत आते हैं। (

संज्ञा एक विकारी शब्द है अर्थात इसमें लिंग, वचन एवं कारक है आधार पर परिवर्तन किया जा सकता है। संज्ञा को जानने के लिए हमने नहीं कुछ उदाहरण दिए हैं –

  • राम मुंबई जाएगा।
  • सोहन घोड़े पर सवार था।
  • ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।
  • रावण बहुत ही अहंकारी था ।
  • दिल्ली में राम का घर है।
  • नीरज में अवगुण समाहित है।

ऊपर दिए गए उदाहरण में नीरज, रावण, सोहन और राम व्यक्ति का नाम है जिसे हमने लाल रंग से प्रदर्शित किया है। घोड़ा एक जानवर का नाम है जिसे पिले रंग के दिखाया है । अवगुण, अहंकारी, ईर्ष्या व्यक्ति के गुण हैं जिसे नीले रंग से प्रदर्शित किया है। दिल्ली और मुंबई स्थान का नाम है जिसको हरे रंग से दिखाया यह सभी शब्द नाम को बता रहे हैं इससे स्पष्ट है कि यह संज्ञा है।

संज्ञा की परिभाषा ?

“किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, गुण व भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं ।”

उदाहरण जैसे कि –

व्यक्ति : रमेश, सुरेश, सचिन, शाहाबाद, राम, सीता आदि।

वस्तु : ब्लैक बोर्ड, पंखा घड़ी, चश्मा, ताला आदि।

जीव/प्राणी : गधा, घोड़ा, हाथी, बंदर आदि।

स्थानों/जगह : दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, हरियाणा आदि ।

गुण व दोष : सच्चाई, घमंड, होशियारी, ईमानदारी आदि।

भाव : दुखी, खुशी, ईष्र्या, द्वेष, क्रोध आदि।

संज्ञा के प्रकार या भेद को दो तरह से विभाजित किया जा सकता है।

(A) अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद या प्रकार

संज्ञा किसे कहते है ? संज्ञा के प्रकार की पूरी जानकारी उदाहरण सहित
संज्ञा किसे कहते है ? संज्ञा के प्रकार की पूरी जानकारी उदाहरण सहित
  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
  2. जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
  3. भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)
  4. समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)

(B) व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद या प्रकार

  1. रोड संज्ञा
  2. यौगिक संज्ञा
  3. योग रूढ़ संज्ञा

संज्ञा के भेद या प्रकार की पूरी जानकारी

तो सबसे पहले अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद को जान लेते हैं।

(A) अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद या प्रकार

अर्थ के आधार पर संख्या के 5 भेद है –

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा
  4. समूहवाचक संज्ञा
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है ?

ऐसे शब्द जिससे किसी व्यक्ति, पुस्तक, नदियों, पर्वतों, समुद्रों, देशों, युद्ध और घटनाओं या स्थान का बोध होता है ।

उदहारण : जैसे कि –

व्यक्ति : राम, श्याम, गंगा आदि।

दिशा : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण आदि।

देश : भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान आदि।

नगर, चौक और सड़क : रायपुर, घड़ी चौक आदि।

पुस्तकों तथा समाचार पत्रों के नाम: अकबरनामा, हरिभूमि आदि।

समुद्र : प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर आदि।

नदी : गंगा, यमुना, सरस्वती आदि।

घटना और ऐतिहासिक युद्ध : प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध आदि।

पर्वत : माउंट एवरेस्ट, हिमालय आदि।

उपरोक्त सभी किसी एक का ही बोध कराते हैं । इसी कारण इसे व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत रखा जाता है।

Note : कोई व्यक्ति या वस्तु तब तक व्यक्तिवाचक संज्ञा होता है। जब तक कि किसी एक व्यक्ति एवं वस्तु का बोध कराता है। और यदि इनका प्रयोग एक से अधिक के लिए किया गया हो तो यह शब्द समूह वाचक संज्ञा का बोध कराने लगते हैं।

2. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है ?

जिस संज्ञा शब्द से एक ही प्रकार के वस्तु अथवा व्यक्तियों का बोध हो तो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण जैसे –

कुत्ता, बिल्ली, लड़का, लड़की, पर्वत, काला, गोरा, गरीब, अमीर, राजा, प्रजा, प्रोफ़ेसर, शिक्षक, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पशु, पक्षी, कंप, ज्वालामुखी

उपर्युक्त सभी संज्ञा शब्द संपूर्ण जाति का बोध करा रहे हैं अतः ये सभी जातिवाचक संज्ञा के अंदर आते हैं। लड़का, लड़की भूकंप आदि का नाम लेने पर ये किसी एक विशेष व्यक्ति का बोध न करा कर उसकी संपूर्ण जाति का बोध कराता है।

Note : प्रशासनिक एवं राजनीतिक पदों के नाम, व्यवसायों के नाम, पशुओं के नाम, पक्षियों के नाम, वस्तुओं के नाम, प्राकृतिक आपदाओं एवं तत्व के नाम, मनुष्य जाति के लिए प्रयुक्त नाम आदि जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।

3. भाववाचक संज्ञा किसे कहते है ?

जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्ति या वस्तु के गुणधर्म दशा (भाव) आदि का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं । भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण एवं अव्यव में प्रत्यय जोड़कर किया जाता है।

उदाहरण जैसे –

बुढ़ापा, मोटापा, बचपन, मिठास, लंबाई, चौड़ाई, गर्मी, ठंडी, मार्मिक, धैर्य, मित्रता, अपनापन, मनुष्यता, मूर्खता, घबराहट आदि।

उपर्युक्त उदाहरण में संज्ञा के बाद प्रत्यय जुड़ा हुआ है जैसे मोटापा में पा प्रत्यय जुड़ा है जो उसके भाव को प्रदर्शित कर रहा है इसलिए यह भाववाचक संज्ञा है।

4. समूहवाचक संज्ञा किसे कहते है ?

इसे समुदाय वाचक संज्ञा भी कहते हैं। जिन संज्ञा शब्दों से वस्तुओं के समूह या समुदाय का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदहारण जैसे –

सभा परिषद, कक्षा, मंत्री, परिषद, मंत्रिमंडल, मंडली, भीड़, दल, पुस्तकालय, ढेर, गुच्छा, समूह आदि।

उपर्युक्त उदाहरण में समूह या ग्रुप का बोध हो रहा है अतः यह समूहवाचक संज्ञा है।

5. द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते है ?

जिस संज्ञा शब्द से किसी धातु या द्रव्य का बोध होता है उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं सामान्यतः द्रव्यवाचक संज्ञा के अंतर्गत मापने – तौलने वाली वस्तुएं आती है।

उदहारण जैसे –

तेल, डीजल, पेट्रोल, तेजाब, कोयला, चावल, दूध, दही, पीतल, पानी, गेहूं, सरसों, चांदी, सोना आदि।

उपर्युक्त उदाहरण में कुछ धातु और द्रव्य का नाम दिया है जो कि द्रव्यवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं क्योंकि यह मापी और तौली जाती है।

(B) व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद

उत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के तीन भेद होते हैं।

  1. रूढ़ संज्ञा
  2. यौगिक संज्ञा
  3. योगरूढ़ संज्ञा

1. रूढ़ संज्ञा किसे कहते है ?

जिन शब्दों के सार्थक खण्ड किए जा सके अर्थात जिन शब्दों के खंड कोई सार्थक (निश्चित) अर्थ प्रकट करते है उन्हें रूढ़ संज्ञा कहते हैं।

जैसे कमल, आज, कल, पर, नाक आदि।

जब कमल शब्द के खंड क, म, ल के रूप में तोड़ दिया जाए तो इनका कोई निश्चित अर्थ नहीं निकलता है अतः कमल एक रूढ़ शब्द है।

2. यौगिक संज्ञा किसे कहते है ?

ऐसे शब्द जो दो सार्थक शब्दों से मिलकर बना होता है या ऐसे शब्द जिनके खंड सार्थक अर्थात निश्चित अर्थ प्रकट करने वाले हो तो उसे यौगिक संज्ञा कहते हैं।

जैसे विद्यालय, देवालय, हिमालय, घुड़सवार आदि।

उपयुक्त उदाहरण को यदि दो खंडों में तोड़ दिया जाए तो यह एक निश्चित और अर्थ प्रकट करते हैं । जैसे विद्या + आलाय एक निश्चित आर्थ प्रकट करता है।

3. योगरूढ़ संज्ञा किसे कहते है ?

ऐसे शब्द जो यौगिक तो होते हैं परंतु अपने समान अर्थ को प्रकट नहीं करते हैं बल्कि किसी परंपरा से विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं उसे योगरूढ़ संज्ञा कहते हैं।

जैसे – लंबोदर, चक्रपाणि, जलज, पंकज आदि।

उम्मीद करते हैं दोस्तों आप सभी को संज्ञा किसे कहते हैं ? (Sangya kise kahate hain), संज्ञा के कितने प्रकार हैं ? की पूरी जानकारी मिल गई होगी इसी तरह के ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करें । धन्यवाद

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I am Tamesh Sonkar, Founder of desifunnel.com website. I am 21 years old now & final year student of B Pharma. I have a passion for reading as well as writing. I try to learn and teach something new every day.

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