Share Market Kya Hai : चाहे आप इन्वेस्टर हो या ट्रेडर हो, आपके लिए शेयर मार्केट का नाम अनसुना नहीं होगा। परंतु शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करके अधिक पैसे कमाने के लिए आपको शेयर मार्केट की पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि भले ही आपके पास पैसे मौजूद है परंतु सिर्फ पैसों से ही काम नहीं चलेगा।

यह भी आवश्यक है कि आप शेयर बाजार के नियमों की जानकारी हासिल करें साथ ही “Share Market kya hai” और “शेयर मार्केट काम कैसे करता है” के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें। इस आर्टिकल में आपको हम शेयर मार्केट की पूरी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं
Share Market Kya Hai : तो स्टॉक मार्केट को ही शेयर मार्केट कहते हैं और शेयर मार्केट को हिंदी में शेयर बाजार कहते हैं, जो कि ऐसी जगह होती है जहां पर अलग-अलग प्रकार की कंपनी लिस्टेड होती है और उन कंपनी के जो शेयर होते हैं वह खरीदें भी जाते हैं। इसके अलावा बेचे भी जाते हैं।
अलग-अलग कंपनी के शेयर के दाम कभी ज्यादा होते हैं तो कभी कम होते हैं। इसके पीछे मार्केट का उतार-चढ़ाव जिम्मेदार होता है। इस प्रकार से शेयर मार्केट से काफी लोग बहुत ही बढ़िया पैसे कमाने में कामयाब हो जाते हैं। वही बहुत सारे लोग यहां पर नुकसान खा जाते हैं।
किसी व्यक्ति के द्वारा जब किसी कंपनी के शेयर को खरीदा जाता है तो वह व्यक्ति उस कंपनी का पार्टनर बन जाता है। इस प्रकार से अगर वह कंपनी तरक्की करती है तो व्यक्ति को फायदा होता है और अगर कंपनी घाटे में जाती है तो व्यक्ति को भी नुकसान होता है।
इसीलिए शेयर मार्केट में पैसे लगाने वाले लोग शेयर मार्केट के पल-पल की खबर रखते हैं क्योंकि यहां पर एक सेकंड में व्यक्ति कंगाल हो सकता है तो वहीं दूसरे ही सेकंड में व्यक्ति लखपति/करोड़पति हो सकता है।
जितना भी पैसा शेयर मार्केट में आपके द्वारा किसी कंपनी के शेयर को खरीदने के लगाया जाएगा उसी के हिसाब से कुछ परसेंट के मालिक आप उस कंपनी में हो जाते हैं। बता दें कि हर कंपनी की खुद की एक मार्केट वैल्यू होती है और उसी के अनुसार उसके शेयर के दाम तय होते हैं।
हालांकि शेयर के दाम समय-समय पर चेंज भी होते रहते हैं। टेक्नोलॉजी में बढ़ोतरी होने के कारण अब घर बैठे भी शेयर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है साथ ही शेयर की खरीदी और बिक्री भी की जा सकती है।
Share Market Kya Hai यह जानकरी तो आपको मिल गयी होगी। तो शेयर मार्केट के दो प्रकार हैं। प्राइमरी शेयर मार्केट और सेकेंडरी शेयर मार्केट। आइए दोनों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं।
प्राइमरी स्टॉक मार्केट
प्राइमरी शेयर मार्केट में निवेशक व्यक्ति को सिक्योरिटी प्रस्तुत की जाती है और इसी शेयर मार्केट से स्टॉक मार्केट की प्रोसेस चालू होती है और उसके पश्चात प्रोसेस में तेजी आती है। कंपनियों के लिए पैसे इकट्ठा करना ही शेयर मार्केट का मुख्य काम होता है।
यहां पर कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज के साथ लिस्ट करती हैं और उसके जरिए पैसे इकट्ठा करती हैं। जब कोई कंपनी पहली बार शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है तो वह प्राइमरी शेयर मार्केट के अंतर्गत अपना आईपीओ लाती है, जिसका उद्देश्य अपने शेयर को बेचना और कस्टमर से पैसे इकट्ठा करना होता है।
सेकंडरी स्टॉक मार्केट
प्राइमरी स्टॉक मार्केट की जो प्रोसेस होती है उसे सफल बनाने के लिए ही सेकेंडरी स्टॉक मार्केट होता है। यहां पर खरीदारों और विक्रेताओं की रियल ट्रेडिंग स्टार्ट होती है। यहां पर कंपनियों की ज्यादा भीड़ नहीं होती है। इसलिए शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाला व्यक्ति आसानी से ट्रेड कर सकता है।
यहां पर शेयर की जो कीमत होती है वह पूरी तरह से मार्केट की कीमत पर ही आधारित होती है। यहां पर एक निवेशक जब दूसरे निवेशक को शेयर बेचता है तो उसकी इनकम होती है। सेकेंडरी स्टॉक मार्केट में सभी प्रकार के शेयर की खरीदी और बिक्री होती है।
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शेयर के तीन प्रकार हैं। इक्विटी शेयर, प्रेफरेंस शेयर और डीवीआर शेयर। आइए इन तीनों ही प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
इक्विटी शेयर
ऐसी कंपनी जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है उसके द्वारा जब शेयर जारी किया जाता है तो उसे ही इक्विटी शेयर कहते हैं। दूसरे शेयर की तुलना में इक्विटी शेयर सबसे ज्यादा ट्रेड की जाती हैं, क्योंकि बहुत सारी कंपनियों के द्वारा इस शेयर को जारी किया जाता है और लोगों के द्वारा भी इस पर ही ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट किया जाता है।
प्रेफरेंस शेयर
जिन लोगों के पास प्रेफरेंस शेयर होता है वह कंपनी की मीटिंग में वोटिंग करने के अधिकार को नहीं रखते हैं। इसके अलावा प्रेफरेंस शेयर होल्डर को जो भी मुनाफा कंपनी से मिलने वाला होता है वह पहले ही बता दिया जाता है कि उसे इस साल के आखिरी में कितना मुनाफा मिलने वाला है।
डीवीआर शेयर
जो लोग डीवीआर शेयर होल्डर होते हैं उन्हें इक्विटी शेयर की तरह कई फायदे प्राप्त होते हैं परंतु उनके पास वोटिंग करने का अधिकार नहीं होता है।
शेयर मार्केट कैसे काम करता है?

हमारे देश में शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के नियम पर कार्य करता है। इसके अंतर्गत शेयर मार्केट में काम करने वाले लोग मुंबई स्टॉक एक्सचेंज अथवा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए शेयर की खरीदारी करते हैं, साथ ही उसकी बिक्री भी करते हैं।
इसके अलावा निफ्टी और सेंसेक्स के द्वारा इंडिया के टॉप कंपनी की परफॉर्मेंस को दिखाने का काम किया जाता है। शेयर मार्केट ऐसी कंपनियों को पैसे इकट्ठा करने का मौका लोगों के द्वारा देता है जो अपने बिजनेस को बढ़ाना चाहती है परंतु उनके पास अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए फंड नहीं है।
इस प्रकार से जब किसी व्यक्ति के द्वारा शेयर कंपनियों को पैसा दिया जाता है तो कंपनी के द्वारा व्यक्ति को अपनी कंपनी में कुछ हिस्सेदारी दी जाती है जो कि उसके द्वारा इन्वेस्टमेंट किए गए पैसे के आधार पर ही होती है। किसी व्यक्ति के पास अगर किसी कंपनी के 50% शेयर हैं तो एक प्रकार से वह व्यक्ति उस कंपनी का आधा मालिक होता है।
शेयर मार्केट कैसे सीखे?
अगर आप शेयर मार्केट में अपना शुरुआती कदम बढ़ा रहे हैं और आपकी इच्छा शेयर मार्केट में एक सफल इन्वेस्टर बनने की है तो इसके लिए आपको सबसे पहले शेयर मार्केट की अच्छे प्रकार से समझ हासिल करनी पड़ेगी और आपको शेयर मार्केट की बारीकियों के बारे में सीखना और जानना होगा।
जिस प्रकार हमारे द्वारा जब किसी कोर्स को किया जाता है तो उसके अंतर्गत हमें अलग-अलग सब्जेक्ट की स्टडी करनी होती है और हम सीखते हैं। उसी प्रकार शेयर मार्केट के अंतर्गत ही आपको अलग-अलग प्रकार की चीजों को सीखने की जरूरत होती है। इसलिए हमें शेयर मार्केट की कुछ सामान्य चीजों को सबसे पहले सीखने की आवश्यकता होती है जो कि निम्नानुसार है।
• शेयर मार्केट काम कैसे करता है?
• आईपीओ क्या है?
• डिमैट अकाउंट क्या है?
• सेंसेक्स और निफ्टी क्या है?
इस प्रकार से ऊपर बताई गई चीजों को आपको शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले अधिक से अधिक जानना और सीखना है और रिसर्च करनी है।
शेयर मार्केट में शुरुआत कैसे करें?
आपको शेयर मार्केट में अपनी स्टार्टिंग करने के लिए मुख्य तौर पर ट्रेडिंग अकाउंट,मार्केट एनालिसिस और इंवेस्टमेंट कैपिटल जैसी चीजों की आवश्यकता पड़ेगी। नीचे इनके बारे में विस्तार से बताया गया है।
ट्रेडिंग अकाउंट
अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट अवश्य होना चाहिए। ट्रेडिंग अकाउंट एक टाइप का बैंक अकाउंट जैसा ही होता है। इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर आपको तब करना पड़ेगा जब आप शेयर मार्केट में शेयर की खरीदारी या फिर बिक्री करेंगे। जब आप खरीदे गए शेयर को बेचेंगे तो उसके पैसे आपके ट्रेडिंग अकाउंट में आएंगे। वही जब किसी शेयर को खरीदेंगे तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से ही पैसे कट जाएंगे।
नीचे कुछ महत्वपूर्ण ब्रोकिंग फर्म के नाम हमने आपको दिए हैं जो ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने की सुविधा उपलब्ध करवाती है।
- Zerodha
- Paytm Money
- Sharekhan
- 5paisa
- Kotak Securities
- Indiabulls
इसके अलावा भी इंटरनेट पर बहुत सारे ब्रोकर हैं जिनके प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके आप ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के लिए हर प्लेटफार्म पर अलग-अलग प्लेटफार्म फीस और केवाईसी चार्ज लिया जाता है।
मार्केट एनालिसिस
मार्केट एनालिसिस का मतलब होता है कि अगर आपको किसी स्टॉक में इन्वेस्टमेंट करना है तो आपको सबसे पहले उस स्टॉक के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करनी है अर्थात उस स्टॉक के बारे में आपको पूरी रिसर्च करनी है।
किसी स्टॉक के अंदर जब आपके द्वारा इन्वेस्टमेंट किया जाएगा तो उसके पहले आपको कुछ सामान्य चीजों को देखना है, जैसे कि
- Market Capital
- Liquidity
- EPS
- P/B ratio
- P/E ratio
ऊपर आपको जो चीजें बताई गई है वह बढ़िया स्टॉक सिलेक्ट करने में आपके काफी सहायक साबित होंगी। इसके साथ ही साथ आपको स्टॉक के फ्यूचर प्लान के बारे में भी जानना चाहिए और स्टॉक से संबंधित हर जानकारियों को प्राप्त करते रहने का प्रयास करना चाहिए।
कैपिटल इन्वेस्टमेंट
आपके द्वारा ट्रेडिंग करने के लिए जिस बजट का इस्तेमाल किया जाता है अथवा जिस पैसे का इस्तेमाल किया जाता है उसे ही कैपिटल इन्वेस्टमेंट कहा जाता है। अगर आप हाल ही में शेयर मार्केट में अपनी स्टार्टिंग कर रहे हैं तो आपको long-term स्टॉक में ही इन्वेस्टमेंट करना चाहिए।
इसके अलावा अगर आप जल्दी से पैसे कमाना चाहते हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग अथवा शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। हालांकि इसमें जोखिम काफी अधिक होता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि उतना ही पैसा इन्वेस्टमेंट करें जितना अगर घाटा हो जाए तो आप सह सके।
शेयर कब खरीदे और कब बेचे?

शेयर कब खरीदना चाहिए इसके लिए आप नीचे दिए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखें।
- जिस कंपनी के शेयर को आप खरीदना चाहते हैं उस कंपनी के पिछले कुछ सालों के लाभ और हानि की जानकारी प्राप्त कर लें।
- कंपनी के ऐसेट ओर लायबिलिटी की भी जानकारी हासिल करें।
- कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट के बारे में पता लगाएं।
- कंपनी की बैलेंस शीट को भी अच्छे से पढ़ें।
शेयर बेचने का कोई फिक्स टाइम नहीं होता है, क्योंकि अधिकतर लोग शेयर फायदे के लिए ही बेचते हैं। इसलिए जब आपको यह लगे कि शेयर बेचने पर फायदा है अथवा जब आपको पैसे की आवश्यकता हो तो आपको अपना शेयर बेच देना चाहिए।
शेयर मार्केट का गणित
शेयर बाजार में मुख्य तौर पर शेयर खरीदने का और शेयर बेचने का ही काम होता है और जो भी छोटी या बड़ी कंपनी होती है उन्हें अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए पैसे की जरूरत होती है। और कंपनियां पैसे जमा करने के लिए सेबी के नियमों के अंतर्गत शेयर मार्केट में लिस्ट होती हैं और लोकल जनता के लिए अपने शेयर को सार्वजनिक कर देती है।
जब किसी कंपनी के शेयर, शेयर मार्केट में आते हैं तो निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीदते हैं और तब तक शेयर को अपने पास रखते हैं जब तक कि उन्हें खरीदे गए के शेयर का अच्छा दाम नहीं मिल जाता है।
शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करने के लिए इन्वेस्टर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है। इसके पश्चात निवेशक जितने भी शेयर, शेयर मार्केट से खरीदता है वह सभी जाकर के डिमैट अकाउंट में सुरक्षित होते हैं।
अगर किसी निवेशक के पास ट्रेडिंग अकाउंट नहीं है तो वह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकता है क्योंकि ट्रेडिंग अकाउंट के द्वारा ही वह जब शेयर खरीदता है।
तो उसके अकाउंट से पैसे कटते हैं और जब शेयर बेचता है तो बेचे गए शेयर के पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में आते हैं। इस प्रकार यह है शेयर मार्केट का पूरा गणित।
शेयर कैसे खरीदते हैं?
शेयर खरीदने के लिए आपको नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।
1. सबसे पहले आपको उस प्लेटफार्म में लॉगिन होना है जिस प्लेटफार्म का इस्तेमाल आप शेयर खरीदने के लिए करना चाहते हैं। लॉगिन हो जाने के बाद आपको उस शेयर का सिलेक्शन करना है जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
2. अब आपको सीधा अपने डिमैट अकाउंट के buy वाले ऑप्शन में चले जाना है और buy ऑप्शन पर क्लिक करना है।
3. अब आपको निश्चित जगह में शेयर की संख्या को दर्ज करना है।
4. अब आपको नॉर्मल अथवा सीएनसी ऑप्शन का सिलेक्शन करना है।
5. अब आपको मार्केट अथवा लिमिट ऑप्शन को सेट करना है।
6. अब आपको निश्चित जगह में शेयर की कीमत डालना है और उसके पश्चात एंटर बटन को दबाना है।
इस प्रकार ऊपर दी गई प्रक्रिया का पालन करके आप शेयर खरीद सकते हैं।
शेयर मार्केट से पैसे कमाने के तरीके
Share Market Kya Hai इसके साथ साथ आपको इससे पैसे कमाने के तरीको के बारे में जानकारी भी होना चाहिए तो नीचे शेयर मार्केट से पैसे कमाने के मुख्य तौर पर 3 तरीकों की जानकारी हमने उपलब्ध करवाई हुई है।
पैसे इन्वेस्टमेंट करके
शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए आप किसी शेयर को खरीद सकते हैं यानी कि उसमें अपने पैसे लगा सकते हैं। इसके पश्चात जब शेयर की कीमत बढ़ेगी तो आपके पैसे भी बढ़ेंगे। शेयर मार्केट से फायदा 100% या फिर उससे भी ज्यादा जा सकता है।
हालांकि पैसे के बढ़ने की गारंटी तो नहीं होती है, क्योंकि जिस कीमत में आप शेयर खरीदते हैं उस कीमतें से भी शेयर के दाम नीचे जाने की संभावना होती है परंतु अगर आप शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते हैं तो आपको लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहिए।
लाभांश से कमाई
जब कंपनी अच्छा फायदा प्राप्त करती है तो कंपनी के द्वारा अपने निवेशकों को लाभांश के तौर पर हर साल या फिर हर 4 महीने में कुछ पैसे डायरेक्ट उनके बैंक अकाउंट में दिए जाते हैं। इस प्रकार से आप पैसे इन्वेस्टमेंट करने के अलावा लाभांश के तौर पर भी इनकम पाने की उम्मीद कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग से
इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत आप ₹1000 से लेकर ₹100000 तक इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और अधिक पैसे इन्वेस्टमेंट करने की कोई लिमिट भी नहीं है। यहां पर कमाई की भी कोई भी लिमिट नहीं है।
इंट्राडे ट्रेनिंग के अंतर्गत आपको रोज पैसे कमाने का मौका शेयर मार्केट से मिलता है। हालांकि इसमें रिस्क भी अधिक होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत अगर आप किसी स्टॉक में पैसा लगाते हैं और आपको फायदा होता है तो आप उसी दिन पैसा निकाल सकते हैं।
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शेयर मार्केट के फायदे
शेयर मार्केट के फायदे निम्नानुसार हैं।
- यहां पर इन्वेस्टमेंट करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां पर सेविंग अकाउंट और बैंक एफडी जैसे इन्वेस्टमेंट की तुलना में कम समय में ही अधिक रिटर्न प्राप्त हो सकता है।
- किसी भी कंपनी के शेयर को जब आपके द्वारा खरीदा जाता है तो आपको उस कंपनी में कुछ हिस्सेदारी मिलती है।
- अगर आपके पास किसी कंपनी का शेयर है तो आप वोटिंग करने का अधिकार रखते हैं साथ ही डिविडेंड और बोनस पाने के भी हकदार होते हैं।
- किसी भी प्रकार की लॉक इन अवधि शेयर में नहीं होती है। इसलिए इन्वेस्टर कम समय में स्टॉक एक्सचेंज के जरिए शेयर खरीद सकता है और बेच सकता है।
- भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड के द्वारा शेयर मार्केट को रेगुलेट किया जाता है जो शेयरधारकों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी लेती है।
शेयर मार्केट के नुकसान
शेयर मार्केट के नुकसान निम्नानुसार है।
- शेयर मार्केट अस्थिर होता है। इसलिए यहां पर इन्वेस्टमेंट करना जोखिम भरा काम माना जाता है।
- वोलैटिलिटी की वजह से शेयर के दाम कभी गिरते हैं और कभी बढते हैं और इस प्रकार कई इन्वेस्टर लालच की वजह से अधिक कीमत पर एक शेयर खरीद लेते हैं और डर की वजह से कम कीमत पर शेयर बेच देते हैं।
शेयर बाजार के नियम
शेयर मार्केट के द्वारा आप बढ़िया पैसे कमा सकते हैं परंतु यह तभी पॉसिबल है जब आपको शेयर बाजार के सभी नियम सही प्रकार से पता हूो। जैसे कि अगर आपको डिमैट अकाउंट ओपन करना है तो आपको एक सही स्टॉक ब्रोकर का सिलेक्शन करना पड़ेगा और उसके बाद मार्केट में सही टाइम में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। इसी प्रकार कुछ अन्य नियम भी है जिसे आपको अवश्य जानना चाहिए।
अनरजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर से दूर रहें
जब आप ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें तो स्टॉक ब्रोकर का मार्केट और ब्रांड पर कितनी पकड़ है इसके बारे में अवश्य जाने। आपको सिर्फ फेमस और भरोसेमंद ब्रोकर के साथ ही अकाउंट ओपन करवाना है क्योंकि शेयर मार्केट में रिसर्च का बहुत बड़ा योगदान होता है।
और यह एक बढ़िया स्टॉक ब्रोकर के चयन के साथ ही स्टार्ट होता है। आपको डिमैट अकाउंट ओपन करने के पहले यह जान लेना है कि स्टॉक ब्रोकर के साथ कितने इन्वेस्टर्स जुड़े हुए हैं।
गलत जानकारी पर कोई निर्णय न लें
मार्केट की जो न्यूज़ होती है उसी के हिसाब से ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग का निर्णय लेते हैं परंतु कई बार गलत न्यूज़ की वजह से ट्रेडर को नुकसान हो सकता है। इसलिए आपको गलत जानकारी के आधार पर कोई भी निर्णय नहीं लेना है बल्कि हर जानकारी को दो-तीन बार परख लेना है।
लंबे टाइम के लिए इन्वेस्ट करें
अगर आप नुकसान से बचना चाहते हैं तो आपको स्टॉक मार्केट में लंबे समय तक इन्वेस्टमेंट करना चाहिए। क्योंकि लंबे समय तक इन्वेस्टमेंट करने से आपको आपके पैसे का बढ़िया रिटर्न प्राप्त होता है साथ ही जोखिम भी कम होता है।
जोखिम का आकलन करें और पैसे लगाएं
शेयर मार्केट रिस्क से भरा हुआ रहता है। इसलिए ट्रेडर,इन्वेस्टर को रिस्क का आकलन करने के बाद ही राशि का चयन करना है और रिश्क को कम करने के लिए समय, राशि और स्टॉपलॉस का ध्यान रखना है।
बहुत सारी कंपनी के शेयर को एक साथ मार्केट में बेचना ही स्टॉक मार्केट कहलाता है। वहीं जब किसी एक कंपनी के द्वारा अपने शेयर को बेचा जाता है तो उसे शेयर मार्केट कहते हैं।
रुपए की कीमत गिरना, डॉलर की कीमत गिरना, घरेलू महंगाई, वैश्विक आपदा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, ओवर द काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया।
Conclusion
आशा करते है आप सभी को यह आर्टिकल Share Market Kya Hai? शेयर मार्केट कैसे काम करता है? पसंद आया होगा इसी तरह के informative आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को जरूर सब्सक्राइब करे और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले।
